मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले की बाबई तहसील में भाजपा सरकार ने कोका कोला कम्पनी को नर्मदा नदी से सिंचित 110 एकड़ जमीन दे दी है। नर्मदा नदी से हर दिन 18 लाख लीटर पानी कोका कोला को दिया जायेगा। आखिर सरकार कोका-कोला पर इतनी मेहरबान क्यों हैं ? कई साल पहले भोपाल के पास पीलूखेड़ी में भी कोका-कोला का प्लांट लगा था वहां आज पार्वती नदी सूख चुकी है। किसान परेशान और खेती बर्बाद हो रही है। पेश है अक्षय हुँका की रिपोर्ट;
मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले की बाबई तहसील में मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार मुहासा औद्योगिक क्षेत्र बना रही है, जिसमें 110 एकड़ जमीन कोका कोला कम्पनी को सरकार द्वारा दे दी गई है।
कोका कोला कम्पनी यहाँ नर्मदा से लाखों लीटर पानी प्रतिदिन निकालेगी और कोल्डड्रिंक बनायेगी। जिससे न सिर्फ नर्मदा में पानी की कमी आएगी बल्कि फैक्ट्री का अनुपयोगी पानी, कचरा व अन्य रासायनिक पदार्थ वापस नर्मदा में जाने से नर्मदा प्रदूषित होगी। इन कारणों से अविरल नर्मदा औऱ निर्मल नर्मदा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और साथ ही जल औऱ भूमि दोनों बर्बाद होगी तथा किसानी पर भयंकर संकट आएगा। कोका कोला ने अपनी औद्योगिक इकाइयां जहाँ जहाँ भी स्थापित की वहाँ भयंकर संकट आया जिससे वहां की जनता ने विरोध किया औऱ अंततः कोका कोला को अपनी कई इकाइयां बंद तक करनी पड़ी।
इसी तारतम्य में प्रदेश के जागरुक नागरिकों अक्षय हुंका, विक्रांत राय, लक्ष्मी नारायण सोनी, मुकेश तिवारी, कुलभूषण पारासर, संजय मिश्रा आदि ने बीड़ा उठाया है कि कुछ भी हो जाये कोका कोला की फैक्ट्री यहाँ नहीं लगने देंगे औऱ ना ही यहाँ प्रदूषण होने देंगे।
इस आंदोलन की शुरुआत 16 फ़रवरी 2017 को बन्द्रमान गाँव से की गयी, और बन्द्रमान, सांगाखेडा, आरी औऱ मुहसा गाँव में जन संपर्क किया और लोगों को कोका कोला फैक्ट्री के दुष्परिणामों से अवगत कराया। अभी आस पास के गांवों में तीन दिन जन अभियान चलाया जायेगा। इस कार्यक्रम में जनता का भरपूर सहयोग मिल रहा है।
अक्षय हुंका ने संकल्प लेते हुए कहा कि किसी भी हालत में माँ नर्मदा के अमृत को जहर नहीं बनने देंगे। नर्मदा मैया हम सब की आस्था की केंद्र औऱ जीवन दायनी हैं, और इसे किसी भी कीमत पर प्रदूषित नहीं होने देंगे और खेती बर्बाद नहीं होने देंगे।
क्या होगी बर्बादी ?
- पानी आधरित इन्डस्ट्री लगाने से और मॉं नर्मदा से बेतहाशा पानी ऐसी विदेशी कम्पनी को देने से बाबई क्षेत्र में पानी की कमी हो जायेगी, जिससे वहॉं खेती बर्बाद हो जायेगी।
- 1 लीटर कोका कोला बनाने के लिए लगभग 4 लीटर पानी लगता है। बाकी 3 लीटर पानी रसायनो के साथ मिलकर जमीन में जाएगा जिससे वहां का पानी और जमीन दोनो खराब होगी, उससे खेती बर्बाद हो जायेगी।
- फैक्ट्री का कचरा नर्मदा नदी को प्रदूषित करेगा।
- रोज 18 लाख लीटर पानी कोका कोला को दिया जाएगा। आधा मघ्य्रप्रदेश प्यासा है, सरकार वहां पानी पहुॅचाने की जगह एक विदेशी कंपनी को इतना पानी दे रही है, ऐसा क्यों?
सरकार सिर्फ एक बात कह रही है, कि फैक्ट्री यहॉ लगने से रोजगार मिलेगा। ऐसे वादे सरकार हमेशा करती है, पर सच्चाई कोसों दूर है। मण्डीदीप, मालनपुर औंर पीथमपुर जैसे कई उदाहरण है जहां कहा तो गया कि लोकल लोगों को रोजगार मिलेगा पर ऐसा कुछ नहीं। और यहां तो सभी किसानी करते है सरकार खेती को लाभ का धंधा बनाये न।
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