झारखण्ड : भाजपा सरकार ने अडाणी को दी 1700 एकड़ जमीन, विरोध में स्थानीय आदिवासियों ने जमीन नहीं देने का संकल्प दोहराया


झारखण्ड के गोड्डा जिले के मोतिया गांव में अडानी को पावर प्लांट के लिए दी जा रही 1700 एकड़ बहुफसलीय जमीन के खिलाफ मोतिया रैयत संघ के बैनर तले 16 फ़रवरी 2017 को ऐतिहासिक रैली निकाली गई है । इस पावर प्लांट के लिए मोतिय गांव के आस-पास की 14 मौज़ा के किसानों की 1700 एकड़ बहुफ़सली खेती की जमीन को चिन्हित किया गया है। इस परियोजना से मोतिया, सोनडीहा, पटवा, पुरबेडीह, रमनिया, पेटनी, कदुआ टीकर, गंगटा, नयाबाद, बसंतपुर, देवन्धा, गुमा, परासी एवं देवीनगर सहित दर्जनों गांव के लगभग 30 हजार लोग पूर्णतः विस्थापित होंगे तथा लगभग 1.5 लाख लोग प्रभावित होंगे। भजपा सरकार किसानों की जमीन का जबरन अधिग्रहण करने पर अमादा है जिसका यहाँ के निवासी पुरजोर विरोध कर रहे है। हम यहां पर आपके साथ मणी भाई की टिप्पणी साझा कर रहे है;

झारखण्ड  के गोड्डा जिले में आज अडानी पावर प्लांट के खिलाफ ऐतिहासिक भीड़ का नजारा देखने को मिला, भारी संख्या में सड़क पर उतरे रैयतों को अडानी कम्पनी वापस जाओ वापस जाओ का नारा बुलंद करते देखा गया। किसानों-मजदूरों के हाथों में अडानी कम्पनी गो बैक-गो बैक की तख्ती देखी गई, प्रदर्शन कर रहे लोगों को जान देंगे-जमीन नहीं देंगे का नारा तेज करते देखा गया। झाविमो विधायक प्रदीप यादव के नेतृत्व में किए जा रहे विशाल प्रदर्शन के कारण शहर की मुख्य सड़क दूर-दूर तक पटी नजर आई।

अपनी विशेष मांगों को लेकर तीन महीने से लगातार प्रदर्शन कर रहे लोगों को आज भी समहारणालय के समक्ष प्रदर्शन करते देखा गया, मीडिया सम्बोधन के बाद सात सदस्यीय टीम ने जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा तथा मांग की कि आगे की कार्यवाही संबैधानिक तरीके से कराई जाए। आज के महासंग्राम समर में मोतिया, नयाबाद, समरूआ, गंगटा, समरूआ व अन्य गावों के लोगों की उपस्थिती देखी गई। मौके पर पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार भूमि अधिग्रहण 2013 का पालन नहीं कर रही, 90 प्रतिशत लोग अपनी बहुफसलीय जमीन नहीं देना चाहती है।


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