भारी ठंड और बारिश को धता बताते हुए विभिन्न जन संगठनों के प्रतिनिधि मारूति सुजुकी के संघर्षरत मज़दूरों के समर्थन में गुज़री 5 फरवरी को लखनऊ के जीपीओ पार्क स्थिति गांधी प्रतिमा पर जुटे और उन्होंने मज़दूरों के पक्ष में इंसाफ़ की आवाज़ उठायी। याद रहे कि मानेसर (गुड़गांव, हरियाणा) स्थित मारूति सुजुकी इण्डिया लिमिटेड के मजदूर पिछले साल की 18 जुलाई से कम्पनी प्रबंधन, शासन-प्रशासन और सरकार के अन्याय के खिलाफ संघर्षरत हैं।
लखनऊ में हुए धरने के मार्फत हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुडा से मांग की गयी कि जेल में बंद मजदूरों को तुरन्त बिना शर्त रिहा किया जाय, निकाले गये सभी मजदूरों को तुरन्त काम पर वापस लिया जाय, मारूति सुजुकी कारखाने में मजदूरों को यूनियन गतिविधियां संचालित करने के कानूनी अधिकारों को रोकने वाले प्रबंधन को दण्डित किया जाय, और कारखाने में समान काम का समान वेतन एवं अधिकार दिये जाने की नीति लागू की जाय।
धरने में शामिल जन संगठनों के प्रतिनिधियों ने यह भी संकल्प किया कि यदि राज्य सरकार गुड़गांव के मजदूरों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए तत्काल कोई कार्रवाई नहीं करती, तो गुड़गांव जाकर आंदोलन किया जायेगा।
इस विरोध प्रदर्शन में शामिल थे- रिवोल्यूशनरी फ्रन्ट (केजीएमयू), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, बीमा कर्मचारी संघ, स्वस्थ भटियार, इंडिया अंगेस्ट करप्शन,
आल इण्डिया वर्कर्स कौंसिल, आल इण्डिया वर्कर्स कौंसिल, उप्र फारवर्ड ब्लाक, भाकपा (माले), संविदा संघर्ष समिति, पूर्वोत्तर रेलवे वर्कर्स यूनियन, पीयूसीएल (उप्र) आदि।
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