दयामनी जेल में

सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला इन दिनों 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में रांची जेल में हैं। छह साल पुराने मामले में उन्होंने गुज़री 16 अक्टूबर को आत्मसमर्पण किया था। अब वे 26 अक्टूबर तक जेल में रहेंगी। हालांकि आज दोपहर दो बजे उनकी बेल अर्जी पर सुनवाई होनी है। ध्यान रहे यह मामला मनरेगा से जुड़े गड़बड़झाले के ख़िलाफ़ उनकी अगुवाई में हुए प्रदर्शन को लेकर दर्ज़ किया गया था। पेश है इसकी रिपोर्ट:

9 अप्रैल 2006 को दयामनी बारला की अगुवाई में एक हजार लोगों ने रांची-पुरुलिया रोड जाम किया था। यह कार्रवाई मनरेगा जॉब कार्ड को लेकर जारी अनियमितताओं पर जन आक्रोश का इज़हार थी। आरोप है कि इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के खिलाफ गाली-गलौज की और ईंट-लाठी से हमला किया। इस प्रदर्शन को नाजायज़ करार दिया गया।


पुलिस के मुताबिक़ 24 अप्रैल 2006 को तीन सौ लोगों ने बिना किसी पूर्व सूचना के अनगड़ा प्रखंड कार्यालय पहुंच कर तोडफ़ोड़ एवं उपद्रव किया था। इसका मामला दर्ज़ हुआ। इसी सिलसिले में पांच दिन बाद अनगड़ा चौक स्थित मुख्य रास्ते को जाम किया गया। इससे शांति-व्यवस्था भंग हुई और सरकारी कार्य में बाधा पहुंची। जनता की इस कार्रवाई को लेकर 11 लोगों को नामजद करते हुए एक हजार अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।

मामले का जांच के बाद पुलिस ने 31 जनवरी 2007 को अदालत में चार्जशीट दाखिल की जिसमें तीन लोगों को आरोप से बरी कर दिया गया। बाक़ी आठ लोगों पर अदालत में मामला चल रहा था। इनमें दयामनी बारला का भी नाम शामिल था। इन सभी के खिलाफ वारंट जारी हुआ था।

इनमें सात लोगों ने जमानत ले ली थी लेकिन दयामनी अदालत में पेश नहीं हुईं। इस आधार पर उनके ख़िलाफ़ कुर्की-जब्ती का वारंट जारी हो गया। इसी के बाद दयामनी ने अदालत में आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण के साथ ही उन्होंने ज़मानत याचिका भी दायर की लेकिन उस पर बहस नहीं हो सकी और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। उस दिन सैकड़ों लोग अदालत में मौजूद थे।
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