विस्थापन के विरुद्ध लड़ रहे जन संगठनों का दो दिवसीय सम्मेलन संपन्न

सम्मेलन की रिपोर्ट


कोल्हान प्रमंडल स्तरीय विस्थापन के खिलाफ में आंदोलनकारी साथियों का सम्मेलन दिनांक 29 एंव 30 सितम्बर 2014, को तेंतला गांव के ग्राम सभा भवन में संपन्न हुआ। यह सम्मेलन कोल्हान के विस्थापन विरोधी एकता मंच के बैनर तले 29 सितम्बर 2014 को पूर्वाह्रा 11 बजे से कुमार चन्दमार्डी की अध्यक्षता में प्रारम्भ किया गया। पहले सत्र के शुरुआत में ग्राम सभा अध्यक्ष विमल रंजन सरदार ने सम्मेलन के सभी भागीदार साथियों का स्वागत किया। तत्पश्चात सभी साथियों ने अपने-अपने नाम, संगठन के नाम व वह किस आंदोलन से जुड़े हैं का परिचय दिया।
सम्मेलन के दौरान हुई चर्चाओं में सबसे पहले आंदोलन की समीक्षा की गई और साथ ही साथ विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे आंदोलनों की संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। समीक्षा एवं रिपोर्ट पर उठे सवालों पर विस्तार से चर्चा की गई। आंदोलन के दौरान साथियों पर लगे कई मुकदमे न्यायालय में लंबित हैं। सम्मेलन में आए भागीदारों ने इन मुकदमों से निपटने में सहयोग करने का वायदा किया। संगठन के विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण के लिए कार्यकर्ताओं के शिक्षण-प्रशिक्षण के महत्व पर चर्चा की गई। सम्मेलन में संगठन के प्रभाव को व्यापक स्तर पर फैलाने के लिए संगठन के विस्तार पर जोर दिया गया। सम्मेलन के दौरान सांगठनिक कमजोरियों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। इन कमजोरियों को दूर करने के लिए लगातार प्रयास किए जाने पर बल दिया गया।
कुमार चन्दमार्डी द्वारा ''झारखण्ड प्रदेश के मौजूदा राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में हमारे संगठन की भूमिका विषय का प्रवर्तन किया गया। गौरतलब है कि झारखंड राज्य के अलग होने के बाद से ही सत्ता में काबिज विभिन्न राजनीतिक दलों, भाजपा, कांग्रेस, झारखण्ड मुä मिोर्चा (झामुमो), आजसू, ने यहां के जंगल-जमीन-पानी एवं खनिज संपदा की लूट के लिए देशी-विदेशी कम्पनियों के साथ समझौता-पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि अब तक 11 कंपनियों के साथ इन एमओयू पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं, किंतु जमीनी स्तर पर अभी तक कोई भी कंपनी अपनी पैठ नहीं बना पाई है। जिंदल, भूषण, एस्सार, मित्तल जैसी कंपनियों ने जमीन खरीदने के लिए कोल्हान के चाईबासा, पोटका, सराई केला, चांडिल, रांची क्षेत्र में प्रयास किए लेकिन खरीद नहीं सके, क्योंकि यहां कई भूमि कानून लागू हैं। जैसे कि छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम, संथाल परगना काश्तकारी भूमि अधिनियम, 5वीं अनुसूची पेसा कानून। मजे की बात यह है कि राज्य सरकार को अभी तक भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत जमीन अधिग्रहित करने का अधिकार नहीं है। इसलिए सरकार द्वारा कंपनियों का सीधा जमीन मालिक के साथ सौदा करवाने का काम जमीनों के दलाल के माध्यम से करवा कर जमीनों की लूट करने की छूट दी गई है। और यह सब तमाम भूमि संबंधी कानून होने के बावजूद हो रहा है। दूसरे दिन 30 सितम्बर को भी इसी विषय पर विस्तार से चर्चा की गर्इ।
सम्मेलन को संबोधित करते प्रकाश चंद मार्डी
इस सम्मेलन में मुख्य तौर पर भूषण स्टील कंपनी के खिलाफ लड़ार्इ लड़ रहे क्रांतिकारी साथी उपसिथत थे।
•             भूमिरक्षा वाहिनी किसान मोर्चा के अध्यक्ष बादल सरकार, सचिव शिवचरण सरदार, समीर सरदार, भुनाराम हेम्ब्रम, राम मांझी, सालखन हेम्ब्रम, ललिता सरदार, सरस्वती सरदार, साईबा सरदार, पुष्पमाला सरदार, सहदेव सरदार आदि। 
•             भूमि रक्षा संघर्ष समिति, छोटीडबा आसनबोली, से जिंदल स्टील कम्पनी खिलाफ लड़ार्इ लड़ने वाले साथी- शिशिर कुमार माहातो, बुद्विनाथ मुर्मू, बनमाली माहातो, लाल मोहन माहातो, अनन्त सिंह आदि।
•             भूमि रक्षा ग्रामीण एकता मंच, खैरबोनी के सचिव सुरेद्र बिकर्ली, सादो पुरती, हरिश कालूदिया, हरिश चंद्र गिल्डा आदि ने प्रमुख रूप से भाग लिया।
•             विस्थापित मुक्ति वाहिनी, चांडिल के कपूर बागी, श्यामल माडी, घनश्याम, नारायन गोद
•             डिमन्बौध से विस्थापित साथी, देवेंद्र सिंह, संघर्षशील साथी मदन मोहन, दिलीप कुमार
•             इदियान फेडरेशन आफ ट्रेड यूनियन के सचिव ब्यास तिवारी, स्वपन चैटर्जी

 इसके अलावा सैकड़ों की संख्या में ग्राम सभा के अध्यक्ष, सचिव उपसिथत थे।
सम्मेलन में तात्कालिक भावी योजना के तौर पर आगामी 31 अक्टूबर 2014 को जमशेदपुर में विशाल रैली का निर्णय लिया गया। रैली को सफल बनाने के लिये निम्न साथियों को जिमेदारी सौंपी गई- 
1. बादल सरदार, 2. संग्राम हेंम्बा्रम 3. शिशिर कुमार माहातो, 4. बुद्विनाथ मुर्मू 5. बन माझी माहातो 6. हरिश सिंह भूमिज, 7. सुदर्शन भूमिज 8. बिरसा किसक 9. सुधाकर सरदार 10. मितल रंजन सरदार 11. समीर सरदार 12. सहदेव सरदार 13. सरस्वती सरदार 14. ललिता सरदार 15. सामबारी मुर्म।
सम्मेलन का समापन अपराà 5 बजे श्री विमल रंजन सरदार के धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया।






सम्मेलन का समापन अपराह्न 5 बजे श्री विमल रंजन सरदार के धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया।
                                                        
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