ये कोयला ब्लॉक राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (RVUNL) और आदानी खनिज प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित किये गये है।
8 जनवरी 2016 को पारित एक आदेश में सरकार ने वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) के तहत दिए गए गांव में आदिवासियों के समुदाय भूमि अधिकार रद्द कर दिये हैं। सरकार के आदेश में कहा गया है कि ग्रामीण वन अधिकार कानून का उपयोग करके गाव के पास के कोल् ब्लॉक पर खनन होने नहीं दे रहे थे।
आदिवासियों के कानूनी अधिकारों पर हमला करने वाला यह पहला मामला हैं। याद रहे आदिवासियों को 2006 के एक कानून के तहत वन भूमि पर कुछ अधिकार दिए गए हैं। इस कानून के तहत जंगल के उस हिस्से में जहा आदिवासी रहते हैं वहा की वन भूमि और वन उत्पादों पर आदिवासियों का अधिकार होता हैं।
वन अधिकार कानून (FRA ) के तहत आदिवासियों को जो अधिकार प्राप्त हैं उन्हें किसी भी सूरत भी द्वारा छीना नहीं जा सकता। आदिवासियों की वन भूमि को ग्राम सभा के आदेश या फैसले से ही किसी और उपयोग में लाया जा सकता हैं।
साभार; Beingदलित
संदर्भ : Business Standard
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें