सोनी सोढ़ी पर राजकीय दमन के विरोध में प्रदर्शन
छत्तीसगढ़ भवन, सरदार पटेल मार्ग, नयी दिल्ली 22 फ़रवरी 2016 दोपहर 3 बजे से
-डॉ संकेत ठाकुरछत्तीसगढ़ भवन, सरदार पटेल मार्ग, नयी दिल्ली 22 फ़रवरी 2016 दोपहर 3 बजे से
सोनी सोरी को 21 फ़रवरी की शाम रायपुर से दिल्ली लाया गया । फ़िलहाल इन्हें अपोलो अस्पताल के ICU में रखा गया है । डॉ आई पी सिंह के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम उनके इलाज में जुट गई है । प्राथमिक जाँच के अनुसार सोनी जी का लगभग पूरा चेहरा एसिड जैसे किसी केमिकल से जल कर काला पड़ गया है और पपड़ी के समान कुछ दिनों बाद ही निकल पायेगा और नयी त्वचा आएगी । अर्थात चेहरे की त्वचा लगभग जल सी गयी है । चेहरे पर वह कालिख नही बल्कि जलने की वजह से चेहरा काला और सूजन आ गई है दिल्ली एअरपोर्ट पर दिलीप पाण्डे, आप के राष्ट्रिय प्रवक्ता आशुतोष, दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष स्वाती मालीवाल, विधायक एवम् संसदीय सचिव स्वास्थ्य राजेश ऋषि मिलने पहुचे.
आदिवासियो पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने वालो पर राजकीय दमन का विरोध
आज बस्तर में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान, आदिवासी ग्रामीणों की बहुत शिकायतें हैं कि अनेक मुठभेड़ फर्जी है और तमाम निर्दोष ग्रामीणों को गिरफ्तार किया जा रहा है. इसके ज्वलंत उदहारण मार्दुम, निलावाया, अर्लम्पल्ली तथा सेन्द्रा पंचायत की घटनाये है. इन घटनाओ को उजागर करने वाले तमाम व्यक्ति चाहे वे समारू नाग, संतोष यादव, या मालिनी सुब्रमण्यम जैसे पत्रकार हों; आदिवासी महासभा, आम आदमी पार्टी या कांग्रेस के कार्यकर्ता हो या फिर जदलपुर लीगल ऐड ग्रुप जैसे वकील हो - सबके खिलाफ दमनात्मक कार्यवाहियां चल रही है, यहा तक कि क़ानूनी तरीको के विपरीत निजी एवं प्रायोजित हिंसा का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. उल्लेख्ननीय है कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने सलवा जुडूम जैसी प्रायोजित हिंसा कि कड़ी भर्त्स्तना कर उस पर रोक लगाई थी.
हम समझते हैं कि बस्तर में शांति के लिए बहुत आवश्यक है कि वहा के आदिवासियों का कानून के शासन मेंआस्था हो सके, और उनके संविधानिक अधिकारों का सम्मान किया जाये. हम मांग करते हैं:-
- सुश्री सोनी सोढ़ी के हमलावरों और उसके पीछे के षड्यंत्र करने वालों पर कारवाही कि जाये.
- बस्तर संभाग का सिविल प्रशासन, पुलिस दबाव से मुक्त होकर, पत्रकारों, वकीलों, सामाजिक और राजनैतिक कार्यकर्ताओं को निर्भय होकर कार्य करने का वातावरण निर्मित करे.
- बस्तर में पुलिस का नक्सल-विरोधी अभियान हो या मुखबिर के आरोपों में माओवादी कारवाही - निहत्थे और निर्दोष ग्रामीणों की हत्या, मारपीट या महिलाओं पर यौन हिंसा के मामलों में स्वतन्त्र तथा गंभीर जांच और कारवाही हो.
आज के इस प्रदर्शन में छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन सहित विभिन्न जनसंगठनों - छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा मजदुर कार्यकर्ता समिति, छत्तीसगढ़ संयुक्त नागरिक संघर्ष समिति, जॉइंट एक्शन समिति बिलासपुर, पी.यू.सी.एल., सी.पी.आई, भारत जन आन्दोलन, छत्तीसगढ़ किसान सभा, सी.पी.आई (रेड स्टार), दलित आदिवासी मजदुर संगठन, छत्तीसगढ़ महिला अधिकार मंच, दलित मुक्ति मोर्चा, छत्तीसगढ़ किश्चियन फ़ेलोशिप तथा आम आदमी पार्टी आदि शामिल हुए
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