हमें विकास की रोशनी दिखायी जा रही है। कोठियों, बाजारों, सड़कों का जाल दिखाया जा रहा है। हमारी उन्नति की, समृद्धि की बात की जा रही है।. . . . . . हमें यह सब कुछ नहीं चाहिये . . . . . हम अपनी माटी नहीं छोड़ेंगे। न जान देंगे और न जमीन देंगे।
-कुमटी माझी, अध्यक्ष, नियाम गिरि सुरक्षा समिति (वेदांता विरोधी संघर्ष, उड़ीसा)
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