आज हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि गिरफ्तारियों तथा फर्जी मुकदमों का सामना कैसे करें? पांच वर्ष तक जनता ने अपनी कुर्बानियों तथा संघर्षों के बल पर पोस्को कम्पनी को एक इंच ज़मीन पर भी काबिज नहीं होने दिया फिर भी सरकारें जनता की भावनाओं, आकांक्षाओं को नजरअंदाज कर रही हैं। हकीकत यह है कि हमारी सरकारें अमरीकी दादागीरी के समक्ष नतमस्तक हैं। पोस्को का मामला कोरिया का नहीं है बल्कि यह अमरीकन हित का मामला है। पोस्को में निवेश किये जाने वाले धन में 70 फीसदी अमरीकन पूँजी है। अतएव पोस्को कम्पनी का कारोबार सीधे तौर पर अमरीकन हित का मामला है। प्रधानमंत्री, योजना आयोग तथा राज्य सरकार अमरीकन हितों के खिलाफ सोच भी नहीं सकतीं।
आज जरूरत है ऐसी परियोजनाओं के नियंताओं, समर्थकों के लिए चेक गेट बनाने की और इस मानव विरोधी व्यवस्था तथा विनाशकारी विकास के खिलाफ साझे ह्यूमन चेक गेट की। -अभय साहू, अध्यक्ष, पी.पी.एस.एस. (पोस्को विरोधी संघर्ष, उड़ीसा)
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