डिमना बांध : टाटा के विरोध में विस्थापितों का अनशन


-दीपक रंजीत

2 मार्च 2017; झारखण्ड के तिलका प्रतिमा स्थल मिर्जाडीह हाट (जमशेदपुर) मैदान में डिमना बांध विस्थापितों का एक दिवसीय अनशन एवं धरना कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन झारखण्ड मुक्ति वाहिनी और ग्राम सभाओं की ओर से संस्थापक दिवस 3 मार्च के एक दिन पहले किया गया है। टाटा कंपनी के संस्थापक जे एन टाटा के जन्मोस्तव को टाटा स्टील एक भब्य के रूप में मनाया जाता रहा है, इस उत्सव को पर्दाफाश करने के विचार से ही विस्थापितों के प्रतिकार का यह आयोजन हुआ।

टाटा कंपनी और डिमना लेक का निर्माण ग्रामीणों के विस्थापन और बदहाली का कारण बना है। संस्थापक दिवस का उत्सव आप झारखंडी ग्रामीणों के खुशी का अवसर नहीं विरोध का मौका है।


अनशन पर रंजीत सिंह, सोहन सिंह, अजित सिंह, जादव सिंह, देवेन सिंह, झंटु सिंह, काजल सिंह, लुसका सिंह, विनोद कुमार इसके साथ अच्छी संख्या में स्त्री पुरुष धरना पर थे।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने तथा समावेश को संबोधन करने वालों में मदन मोहन, दीपक रंजीत, धर्मराज, मिथुन, सोहन सिंह, कपूर बागी, देवेन सिंह, कुमार मार्डी, लोबोधन   महतो, हरीश भूमिज और अन्य लोगों का उल्लेखनीय भूमिका रही।

अनशन का समापन जुगसलाई में विधायक राम चन्द्र सहिस एवं बोड़ाम के जिला परिषद् सपन कुमार महतो ने संयुक्त रुप से जूस पिलाकर किया।

साथ ही विधायक ने कहा कि वे हमेशा से विस्थापितों के संघर्ष के साथ रहा है। साथ ही आश्वासन दिया कि डिमना बाँध विस्थापितों का समस्या टाटा से लेकर  विधानसभा तक पहुचाएंगे।

डिमना के विस्थापित कंपनी के मुनाफे में हिस्सेदारी, कर्मचारियों की तरह समान नौकरी-शिक्षा-चिकित्सा सुबिधा, बाँध में अनअधिग्रहित जमीन में फसल बरबादी का एकमुश्त मुआवजा, नौकाचलन एवं मत्स्य पालन का अधिकार विस्थापितों को दिया जाय. इसके अलवा अन्य 13 मांगों पर संघर्षरत रहे हैं।


यह अनशन सह धरना इस संकल्प की अभिव्यक्ति है कि जबतक पूरा नहीं होता आन्दोलन जारी रहेगा। यह कार्यक्रम अगले धारदार और बड़े आन्दोलन की तैयारी के रूप रूप में भी आयोजत की गयी है।




Share on Google Plus

Unknown के बारे में

एक दूसरे के संघर्षों से सीखना और संवाद कायम करना आज के दौर में जनांदोलनों को एक सफल मुकाम तक पहुंचाने के लिए जरूरी है। आप अपने या अपने इलाके में चल रहे जनसंघर्षों की रिपोर्ट संघर्ष संवाद से sangharshsamvad@gmail.com पर साझा करें। के आंदोलन के बारे में जानकारियाँ मिलती रहें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें