जुल्म से मुक्ति के लिए अहमदाबाद से ऊना तक पदयात्रा : देशभर के बुद्धिजीवियों, लेखकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने किया समर्थन

दलितों के विरुद्ध बढ़ते अत्याचार तथा उत्पीड़न की घटनाओं को देखते हुए उना दलित अत्याचार लडत समिति द्वारा गुजरात के अहमदाबाद से ऊना तक 5 से 15 अगस्त 2016 तक एक दलित अस्मिता पदयात्रा का आयोजन किया जा रहा है। इस यात्रा का प्रस्थान अहमदाबाद में वाल्मीकि बालिका नीली झंडी दिखाकर करेगी। और ऊना में 15 अगस्त को पीड़ित और वाल्मीकि बालिकाएं राष्ट्रध्वज फहराएगी। आंदोलन के समर्थन में देशभर के बुद्धिजीवियों, लेखको और सामाजिक कार्यकर्ताओं का 2 अगस्त 2016 को जारी बयान;

 पिछले कुछ समय से देश में गोरक्षा के नाम पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। इस संबंध में गाय के मांस पर हत्याएं तथ बुरी तरह से मारपीट की घटनाएं उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, झारखंड, गुजरात, राजस्थान तथा महाराष्ट्र में सामने आई हैं।

गोरक्षा समितियों के नाम पर गुंडा तत्व अल्पसंख्यकों का बुरी तरह से उत्पीड़न कर रहे हैं तथा इस में पुलिस भी उन का साथ दे रही है। वास्तव में गोरक्षा के नाम पर अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करके उनको दबाने का प्रयास है।

पिछले महीने गुजरात में गोरक्षा के नाम पर चार दलितों की बुरी तरह से पिटाई की गई। इसके प्रतिरोध में गुजरात में दलितों ने मरे हुए जानवर उठाने तथा गटर आदि साफ करने से इंकार कर दिया है और प्रदेश व्यापी जनांदोलन शुरु किया है। कुछ दलितों ने विरोध में आत्महत्या करने का प्रयास भी किया और उन में से एक की मृत्यु हो चुकी है।

हम सभी साथी गोरक्षा के नाम पर राज्य के संरक्षण में दलितों और अल्पसंख्यकों को आतंकित करने तथा दबाने के प्रयास की निंदा करते हैं। हम सब दलितों के इस मुद्दे पर गुजरात तथा देश में चल रहे विरोध आंदोलन का समर्थन करते हैं।

हस्ताक्षर कर्ता 
तीस्ता सीतलवाड़, दयामनी बारला, SR दारापुरी, प्रिया पिल्लैई, बबलू लोइतिनगोम, कैलाश मीणा, अनिल चौधरी, कीरिटि राय, PC तिवारी, SP उदय कुमार, रोहित प्रजापति, अशोक श्रीमाली, जीतेन्द्र चाहर, रेणु सिंह, शक्तिमान घोष, डा सुनीलम, हेमा ललिता, एगनेस खेरशी, बमांग टैगो, मैथ्यु जैकब,रविन्द्र सिंह, सुरेन्द्र भरत, आखिला, PJ जोसी,ए मुत्थूकृष्णन, T लिमानोचित जमीर,बन्दिता अचय ,एन्थोनी सेबेस्टियन,,नरेन्द्र मोहन्ती, कृष्ण कान्त, हिमांशु कुमार, ऋचा.... इतियादी 
Share on Google Plus

Unknown के बारे में

एक दूसरे के संघर्षों से सीखना और संवाद कायम करना आज के दौर में जनांदोलनों को एक सफल मुकाम तक पहुंचाने के लिए जरूरी है। आप अपने या अपने इलाके में चल रहे जनसंघर्षों की रिपोर्ट संघर्ष संवाद से sangharshsamvad@gmail.com पर साझा करें। के आंदोलन के बारे में जानकारियाँ मिलती रहें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें