अगस्त क्रांति की विरासत को जिंदा रखेंगे बस्तर के आदिवासी : बस्तर में जारी जंग के खिलाफ पदयात्रा


9 अगस्त 2016 को भारत छोड़ों आंदोलन के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस दिन को याद करते हुए देश के तमाम जनसंगठन अपने-अपने क्षेत्रों में चल रही लड़ाईयों को एक नया मोड़ देने की तैयारी कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के आदिवासी राज्य सरकार और माओवादियों के बीच युद् में पिस रहे हैं, वनाधिकार कानून एवं पेसा एक्ट को दरकिनार कर जगह-जगह पुलिस कैंप खोलने के लिए आदिवासियों की जमीनों पर कब्जे किए जा रहे है, बड़े पैमाने पर फर्जी आत्मसमर्पण, गिरफ्तारियों, बलात्कार की घटनाएँ हर दिन सामने आ रही हैं। सरकार एवं नक्सलियों द्वारा की जा रही हत्याओं की वजह से आदिवासी पलायन के लिए मजबूर हैं। इस खूनी जंग के विरोध में बस्तर बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति 9 से 15 अगस्त 2016 तक अगस्त क्रांति पदयात्रा आयोजित कर रही है। हालांकि इस यात्रा को रोकने के लिए पुलिस द्वारा हर तरीके से प्रयास किए जा रहे हैं किंतु यहां के सामाजिक कार्यकर्ता इस पदयात्रा को सफल बनाने के लिए अड़े हुए हैं। हम यहां पर इस यात्रा पर तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट आपके साथ साझा कर रहे हैं। इस यात्रा को सफल बनाने में आपका सहयोग आपेक्षित है।

पद यात्रा 9 अगस्त को दंतेवाड़ा से शुरू होकर 15 अगस्त को 200 किमी चल कर सुकमा जिला के अंदरुनी गांव गोमपाड पहुंचेगी, जहां स्वर्गीय हिड़मे सहित हाल के माओवादी-पुलिस संघर्ष के दौरान मारे गए निर्दोष आदिवासियों को श्रद्धांजलि देते हुए ध्वजारोहण किया जाएगा। पीयूसीएल से लाखन सिंह ने बताया कि गोमपाड स्वतंत्र भारत का ऐसा उपेक्षित गांव है, जहां आज भी सामान्य आवश्यक सुविधाएं जैसे बिजली, सड़क, पानी आदि की कोई व्यवस्था नहीं है। सरकार  आज तक पहुंच मार्ग तक नहीं बना सकी है। ग्रामवासियों को राशन लेने के लिए 25 किमी पैदल चलकर कोंटा जाना पड़ता है। इसी गोमपाड में नक्सली बताकर निर्दोष हिड़मे मड़कम की हत्या सुरक्षा बलों ने कर दी। राजनैतिक सामाजिक कार्यकर्ताओं को पुलिस प्रशासन ने गोमपाड जाने से रोककर लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया। इसके विरोध में देशभर से राजनैतिक सामाजिक कार्यकर्ता एकत्रित होंगे।

पदयात्रा के दौरान बस्तर के आदिवासियों के साथ हो रहे दमन और लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान छत्तीसगढ़ सहित देश के सभी सामाजिक-राजनैतिक कार्यकर्ताओं से किया जाएगा।
बस्तर बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति में शामिल संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी,भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ML रेड स्टार,भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ML लिबरेशन, छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन,छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा,छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा,(मज़दूर कार्यकर्ता समिति,भारत जन आंदोलन, पीयूसीएल,छत्तीसगढ़ क्रिश्चयन फोरम,छत्तीसगढ़ क्रिश्चियन फेलोशिप,मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी,जनमुक्ति मोर्चा,सर्व आदिवासी समाज,आम आदमी पार्टी, बस्तर पत्रकार संयुक्त संघर्ष समिति, बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इण्डिया,आल इण्डिया कंफेडरेशन ऑफ़ एससी एसटी ऑर्गनाइज़ेशन शामिल है।

अग्नि आया विरोध में

वही दूसरी ओर सलवा जुडूम की तर्ज में तैयार अग्नि पद यात्रा के विरोध में आ गया है। अग्नि की ओर से आनंद मोहन मिश्रा के नाम से सोशल मीडिया में तिरंगा यात्रा के खिलाफ प्रचार किया जा रहा है। संगठन के सदस्यों ने कहा है कि विरोध होगा और जरूरत पड़ी तो आमने सामने भी विरोध किया जाएगा। ज्ञात हो कि अग्नि में भंग हो चुके सामाजिक एकता मंच के सदस्य ही है। जिन्होंने सामाजिक कार्यकर्ताओ और पत्रकारों के ऊपर दमन का कार्य किया था।

अग्नि के इस बयान को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता और आप नेत्री सोनी सोरी कहती है कि पद यात्रा हो कर रहेगी इसके लिए मुझे अपनी जान भी देनी पड़े तो दूंगी। जिस गोमपाड में नक्सली काला झंडा फहराते थे वाह आज पूरी हिम्मत के साथ तिरंगा झंडा फहराने जा रहे है।

वही पीयूसीएल के अध्यक्ष लाखन सिंह कहते है अग्नि जैसे संगठन पुलिस द्वारा चलाये जा रहे अभियान का ही हिस्सा  है ,कभी सलवा जुडुम कभी एकता मंच तो कभी एसपीओ. बस्तर सत्याग्रह जनतांत्रिक और  बस्तर में शांति चाहने वालों की पहल है , अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस और महात्मा गांधी के आव्हान अगस्त क्रांति के दिन राष्ट्रीय ध्वज को लेकर वाले शांति दूतों का विरोध बस्तर में हमेशा खूनखराबा चाहने वालों का संगठित विरोध है ।
हम दोनों तरफ से आदिवासियों पर हमलो ,फर्जी मुठभेड़ और बलात्कार का विरोध कर रहे है ,जो इसका विरोध कर रहे  है ऊनके नेताओं पर ही इन सब के इल्ज़ाम है।

सोनी के नेतृत्व में देशभर के नौजवान   बुद्धिजीवी  इस यात्रा में शामिल होने के लिये नौ अगस्त को बस्तर पहुंच रहे  है । हम हर अलोकतांत्रिक विरोध के  बाबजूद अपनी यात्रा करेंगे और पंन्द्रह अगस्त को गोमपाड में तिरंगा फहरायेंगे ।

Share on Google Plus

Unknown के बारे में

एक दूसरे के संघर्षों से सीखना और संवाद कायम करना आज के दौर में जनांदोलनों को एक सफल मुकाम तक पहुंचाने के लिए जरूरी है। आप अपने या अपने इलाके में चल रहे जनसंघर्षों की रिपोर्ट संघर्ष संवाद से sangharshsamvad@gmail.com पर साझा करें। के आंदोलन के बारे में जानकारियाँ मिलती रहें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें