गढ़वा में प्रस्तावित कनहर बांध पर छत्तीसगढ़ सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट करें- माकपा

रायपुर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने झारखंड के गढ़वा जिले में कनहर नदी पर प्रस्तावित बांध के संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार से अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। प्रस्तावित कनहर बांध से सरगुजा जिले के 10 ग्राम पंचायतों के पूरी तरह डूबने की आशंका व्यक्त की जा रही है। माकपा ने आरोप लगाया है कि सिंचाई के नाम पर इस प्रस्तावित बांध का वास्तविक उद्देश्य कार्पोरेट तबकों को पानी देना ही है।

17 मई को जारी एक बयान में माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने कहा कि इस बांध के बनने से छत्तीसगढ़ में होने वाली तबाही को रोकने, आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा, पुनर्वास व मुआवजे के लिए छत्तीसगढ़ सरकार क्या कदम उठा रही है, इसे स्पष्ट करें। उन्होंने कहा है कि स्थानीय आदिवासी समुदाय को विश्वास में लिए बिना विकास के नाम पर किसी भी प्रकार के विस्थापन का माकपा तीखा विरोध करेगी और जनांदोलन संगठित करेगी।

माकपा नेता ने कहा कि केन्द्र और राज्यों में भाजपा सरकारें विकास के नाम पर जहां एक ओर कार्पोरेट तबके के फलने-फूलने की नीतियां लागू कर रही हैं, वहीँ दूसरी ओर आदिवासियों के अधिकारों का बड़े पैमाने पर हनन कर रही है। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार की पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों, पेसा तथा वनाधिकार कानून आदि को लागू करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
Share on Google Plus

Unknown के बारे में

एक दूसरे के संघर्षों से सीखना और संवाद कायम करना आज के दौर में जनांदोलनों को एक सफल मुकाम तक पहुंचाने के लिए जरूरी है। आप अपने या अपने इलाके में चल रहे जनसंघर्षों की रिपोर्ट संघर्ष संवाद से sangharshsamvad@gmail.com पर साझा करें। के आंदोलन के बारे में जानकारियाँ मिलती रहें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें