महिला हिंसा एवं साम्प्रदायिकता के विरोध में प्रदर्शन

26 अप्रैल 2015 को प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र ने साम्प्रदायिकता व नारी उत्पीड़न के विरोध में जंतर-मंतर, दिल्ली पर धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया। प्रदर्शन में उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, फरीदाबाद के सदस्य-कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की।

प्रमएके की अध्यक्ष शीला शर्मा ने कहा कि आज महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न की घटनाओं में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। देश में भाजपा-संघ की गठजोड़ वाली मोदी सरकार ने तेजी के साथ सांप्रदायिकरण धु्रवीकरण को बढ़ाया है। जिससे पहले से ही दोयम दर्जे का जीवन जी रही मजदूर-मेहनतकश महिलाओं का जीवन और दयनीय हो गया है। हर सांप्रदायिक घटनाओं में मेहनतकश महिलाओं को निशाना बनाया जाता है। महिलाओं की इस स्थिति को बदलने के लिए खुद मेहनतकश महिलाओं को अपने संगठनों को मजबूत बनाकर सांप्रदायिक तत्वों के खिलाफ निर्णायक संघर्ष छेड़ने की जरूरत पहले से भी ज्यादा बढ़ गयी है।

सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि देशी-विदेशी एकाधिकारी पूंजीपति वर्ग ने घोर प्रतिक्रियावादी फासीवादी संगठन संघ के साथ गठजोड़ कायम कर लिया है। यह नापाक गठजोड़ जहां एक तरफ पूंजीपतियों के हितों के लिए श्रम कानूनों में बदलाव कर रहा है, सामजिक मदों में कटौती कर रहा है वहीं दूसरी तरफ सांप्रदायिक आधार को भी बढ़ा रहा है। जिससे त्रस्त मेहनतकश महिलाओं को जिंदगी जीना मुश्किल होता जा रहा है। वहीं सांप्रदायिकता की आग भी मेहनतकश महिलाओं को सर्वाधिक झुलसा रही है। हर सांप्रदायिक घटना में महिलाओं को विशेष तौर पर निशाना बनाया जाता है। संघी व भाजपाई नेता जब-तब कुत्सित बयान देकर महिलाओं के प्रति अपनी घृणित सोच का प्रदर्शन करते रहते हैं। कोई कहता है कि महिलाओं को 10 बच्चे पैदा करने चाहिए तो कोई लव जिहाद का झूठा हव्वा खड़ा कर महिलाओं की स्वतंत्रता को और भी सीमित कर देना चाहता है। ये संघी-फासिस्ट महिलाओं को मात्र बच्चा पैदा करने तथा रसोई में कैद कर देना चाहते हैं। असल में संघियों का लक्ष्य महिलाओं को मध्यकाल की स्थिति में ले जाने का है।

सभा-प्रदर्शन में महिलाओं ने मोदी सरकार के सांप्रदायिक एजेण्डे व महिलाओं के उत्पीड़न पर तीखा आक्रोश व्यक्त किया। तथा साथ ही फासीवादी ताकतों को जवाब देने के लिए मजदूर आंदोलन को संगठित करने पर जोर दिया। सभा को परिवर्तनकामी छात्र संगठन के कमलेश, सामाजिक कार्यकर्ता विमला, महिला रक्षा बाल रक्षा अभियान के कृष्णा रज्जाक, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के पी.पी. आर्या, क्रांतिकारी नौजवान सभा की आर्या, इंकलाबी मजदूर केन्द्र की पूर्णिमा आदि वक्ताओं ने सम्बोधित किया।
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