महान में याद की गई ‘गाँधी की अहिंसा’

गांधी की पुण्यतिथी पर महान संघर्ष समिति ने महात्मा गाँधी को दी श्रद्धांजलि


सिंगरौली। 30 जनवरी 2015 महात्मा गाँधी की 67वीं पुण्यतिथी के अवसर पर महान संघर्ष समिति की तरफ से गाँधी की याद में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। अमिलिया में आयोजित इस सभा में उपस्थित लोगों ने सभा की शुरुआत दो मिनट के मौन के साथ की।

गाँधी को श्रद्धांजलि देते हुए महान संघर्ष समिति के कार्यकर्ता कांति सिंह खैरवार ने कहागाँधी जी ने देश के लोगों की आजादी के लिये शांतिपूर्वक लड़ाई लड़ी और हमें आजादी दिलाई। उन्होंने हमें अहिंसा का पाठ पढ़ाया।  हम भी अपने जंगल को बचाने के लिये गाँधी जी के रास्ते पर चल रहे हैं और अहिंसापूर्वक अपने जंगल में रहने की आजादी को बचाना चाहते हैं

गांधी के विचार राज्य दमन के इस दौर में एक बार फिर प्रासंगिक हो चले हैं। श्रद्धांजलि सभा में महान संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने आजादी की लड़ाई में गाँधी के योगदानों पर चर्चा की और जंगल बचाने की अपनी लड़ाई को अहिंसा के रास्ते पर  जारी रखने की वचनबद्धता दोहरायी। सभा को संबोधित करने वाले वक्ताओं ने कहा, महात्मा गाँधी का पर्यावरण को बचाने पर विशेष जोर था। उनका मानना था कि धरती सभी लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकती है लेकिन उनके लालच को पूरा नहीं कर सकती

पिछले तीन सालों से महान संघर्ष समिति, महान वन क्षेत्र में अहिंसापूर्वक आंदोलन के द्वारा महान वन क्षेत्र को बचाने के लिये प्रयासरत है। समिति मानती है कि किसी भी समस्या का समाधान हिंसा नहीं हो सकती।

गाँधी के योगदान और पर्यावरण के प्रति उनकी चिंताओं को रेखांकित करते हुए महान संघर्ष समिति के कार्यकर्ता और अमिलिया निवासी विजय सिंह ने कहा, "गाँधी जी को आजादी के आंदोलन के दौरान कई बार जेल जाना पड़ा और अंग्रेजों के अत्याचार का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने अहिंसा का रास्ता नहीं छोड़ा। महान संघर्ष समिति भी अपने जंगल को बचाने के लिये और वनाधिकार प्राप्त करने के लिये शांतिपूर्वक तरीके से संघर्षरत है। इस दौरान पिछले साल हमारे कई कार्यकर्ताओं को जेल भी जाना पड़ा, लेकिन हमने भी अहिंसा के रास्ते को ही चुना है और हम भी अपनी लड़ाई को गाँधी के बताये रास्ते पर ही आगे ले जायेंगे"।

सभा के अंत में महान संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने गांधी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। 
Share on Google Plus

Unknown के बारे में

एक दूसरे के संघर्षों से सीखना और संवाद कायम करना आज के दौर में जनांदोलनों को एक सफल मुकाम तक पहुंचाने के लिए जरूरी है। आप अपने या अपने इलाके में चल रहे जनसंघर्षों की रिपोर्ट संघर्ष संवाद से sangharshsamvad@gmail.com पर साझा करें। के आंदोलन के बारे में जानकारियाँ मिलती रहें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें