माही परियोजना निर्माण (1960) के समय विस्थापित हुए 180 गांवों के लोग आज भी दर-दर की ठोकरें खा रहें हैं। पुनर्वास समिति के बैनर तले इन विस्थापितों का आंदोलन आज भी जारी है। मई 2012 में तहसील कार्यालय में माही विस्थापितों की ओर से जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया। जिसमें उन्हें बसाने और उनके खिलाफ होने वाली कार्रवाई को रोकने की मांग उठाई गयी थी। ज्ञापन में जिला कलेक्टर से अनुरोध किया कि गांव कुवानिया में लंबे समय से वन भूमि पर काबिज लोगों को प्रशासन द्वारा परेशान किया जा रहा है और उन पर बेवजह मुकदमे दर्ज किए जा रहे है, जो अन्याय है।
संघर्ष संवाद / बांसवाड़ा परमाणु प्लांट विरोधी आंदोलन /
राजस्थान
/ माही बांध विस्थापितों का अभी तक नहीं हुआ पुनर्वास
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