मारुति जजमेंट : 13 मारुति मजदूरों की उम्र कैद के विरोध में मज़दूर अधिकार संघर्ष अभियान ने की प्रतिरोध सभा


13 मारुति मजदूरों को उम्र कैद की सजा के विरोध में मज़दूर संघर्ष अभियान MASA की तरफ़ से जंतर मंतर, नई दिल्ली में 31 मार्च को एक प्रतिवाद सभा आयोजित की गयी।

मासा के विभिन्न घटक जिसमें मज़दूर सहयोग केंद्र गुड़गांव, रूद्रपुर, इंकलाबी मज़दूर केंद्र, जन संघर्ष मंच हरियाणा, इंकलाबी केंद्र पंजाब, कर्नाटका श्रमिक शक्ति, हिंदुस्तान मोटर SSKU, AIWC, ICTU, IFTU, IFTU(सर्वहारा), TUCI, मारुति सुजुकी वर्कर्स यूनियन मानेसर, होन्डा, डाइकिन, मारुति प्रोविजनल कमिटी, के प्रतिनिधि और सहयोगी शामिल रहे।

मासा के मंच से वक्ताओं ने कहा कि मारुति के मजदूरों को सरकार और पूंजीपतियों के इशारे पर न्यायपालिका के जरिये जो उम्र कैद की सजा सुनाई गयी उसके माध्यम से मज़दूर वर्ग को धमकी दी गयी कि अगर मज़दूर ट्रेड यूनियन बनाने के लिए, ठेका प्रथा खत्म करने के लिए, प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ आवाज उठाएंगे तो उनका इस तरह से दमन किया जाएगा। सारे तथ्य, सबूत, न्याय, क़ानून, व्यवस्था पूंजीपतियों के हित में मज़दूरों के ख़िलाफ़ है। मारुति मजदूरों का संघर्ष स्थायी ठेका मज़दूर की एकता के साथ मालिकाना दमन के ख़िलाफ़ मज़दूर वर्ग के संघर्ष का नेतृत्व कर रहा था। इसलिए इस वर्ग संघर्ष में यूनियन नेतृत्व को निशाना बनाया गया, ताकि मज़दूरों में से कोई नेतृत्व करने के लिए आगे ना आये। मगर सत्ता द्वारा मारुति के आंदोलन को कुचलने के प्रयास के ख़िलाफ़ पूरी दुनिया के मज़दूर भी अपनी वर्गीय एकजुटता के साथ खड़े दिखाई दिए।

मासा अवसरवादी और समझौता परस्त ताक़तों से परे जुझारू और संघर्षशील मज़दूर संगठनो का राष्ट्रीय समन्वय है।

मासा सभी संघर्षशील और लड़ाकू मजदूरों और संगठनों से ये अपील करता है कि इस संघर्ष को उसी जुझारू तरीके से बरकरार रखे जिसकी मिसाल मारुति के मज़दूरों ने कायम की है। मालिकों द्वारा बनाये गए ठेका, स्थायी, अप्रैंटिस के विभाजन से आगे बढ़कर इस हमले का विरोध करना होगा क्योंकि क्योंकि ये विभाजन मालिक के मुनाफे को बढ़ाने के लिए शोषण करने का आधार हैं। आगामी 4 और 5 अप्रैल के अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय विरोध कार्यक्रम  को सफ़ल बनाने की भी अपील की गयी जिसमें सभी मौजूद संगठनों ने 4 और 5अप्रैल को अपने सम्बंधित शहरों में अपने स्तर पर प्रतिवाद करने की घोषणा की। मासा की तरफ़ से श्रम मंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया।
  • 13 मारुति मज़दूरों को रिहा करो।
  • सभी झूठे मुक़दमे वापस लो।
  • 117 बरी मजदूरों सहित सभी बर्खास्त मज़दूरों को काम पर वापस लो।


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