झारखण्ड : विस्थापित आदिवासियों पर पुलिस का कहर दो को गोली मारी, लोगों को जूतों से रौंदा, बंदूक के कुंदे से पीटा और दर्जनों घायल


झारखण्ड के रामगढ़ जिले के गोला थाना क्षेत्र स्थित इनलैंड पावर लिमिटेड (आइपीएल) में विस्थापितों की विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर 29 अगस्त 2016 की शाम भाजपा सरकार की पुलिस ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी गई. पुलिस की गोली से दो लोगों की मौत हो गयी. हालांकि स्थानीय लोगों के बीच चार लोगों के मारे जाने की चर्चा है. करीब दर्जन भर लोग घायल हैं. इनमें चार को रिम्स रेफर किया गया है.

घटना शाम करीब 4.45 बजे की है. मृतकों में दशरथ नायक उर्फ फुतू महतो और प्रेमचंद महतो शामिल हैं. प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि पुलिस ने अंधाधुंध फायरिंग की. इससे भगदड़ मच गयी. लोग जान बचा कर इधर-उधर भागने लगे. भगदड़ में जमीन पर गिरे लोगों को पुलिसकर्मियों ने जूतों से रौंदा और बंदूक के कुंदे से पीटा. पुलिस ने किसी को नहीं बख्शा, जो मिला उसकी पिटाई कर दी. प्रदर्शन के लिए लाये गये साउंड बॉक्स बंधे मैजिक वाहन को पलट कर क्षतिग्रस्त कर दिया. इसके अलावा फैक्टरी के बहार खड़ी सैकड़ों मोटरसाइकिल तोड़ डाली.

नागरिक चेतना मंच की ओर से पिछले कई दिनों से विस्थापितों की विभिन्न मांगों को लेकर फैक्टरी में प्रदर्शन किया जा रहा था. प्रबंधन ने सोमवार को मंच को त्रिपक्षीय वार्ता के लिए बुलाया था. इसी क्रम में दिन के करीब एक बजे लोग पार्षद ममता देवी व नेता राजीव जायसवाल के नेतृत्व में पहुंचे थे. लोग करीब वार्ता के लिए करीब चार घंटे तक गेट के बाहर खड़े रहे. इस दौरान प्रशासन और ग्रामीणों के बीच झड़प हो गयी. इसके बाद पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी.






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