झारखण्ड में स्थानीय निति के विरोध में एकजुटता; यह वीडियो जरुर देखे


सच्चिदानंद सोरेन

17 जून 2016 झारखण्ड में स्थानीय निति और SPT,CNT एक्ट के संशोधन के विरुद्ध भाग लेते गैर आदिवासी मूलवासी का एक दृश्य जो यह सिद्ध करता है कि आदिवासी और मूलवासी किस तरह एक-दुसरे से रंग गए है: जलाउद्दीन अंसारी,ब्लॉक रामगढ,जिला दुमका(स.प) भाषण देने के पहले जलाउद्दीन अंसारी जी ने पूछा आपलोग किस भाषा में भाषण सुनना चाहेगे?आदिवासियों का संख्या अधिक होने होने के कारण वे संताली भाषा में भाषण दिए और कहे यह हम सभी का हक़ का अधिकार का लड़ाई है.इस स्थानीय निति में सबसे अधिक हम गैर आदिवासी मूलवासी को हानि है.क्यों कि यहाँ झारखण्ड में सबसे अधिक गैर आदिवासी आकर बसे है.इसको स्थानीयता मिल जाएगी तो कल हम गैर आदिवासी मूलवासी का अधिकार छिनेगा.आइये हम सभी आदिवासी मूलवासी मिलकर इसका विरोध करे. इस बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जो भी राजनितिक पार्टी और नेता 1932 का समर्थन नहीं करेगा उसका सामाजिक,राजनितिक बहिष्कार किया जायेगा



झारखण्ड के वर्तमान स्थानीय निति के विरुद्ध,SPT,CNT एक्ट के संशोधन के विरुद्ध ग्रामीण जगह-जगह बैठक कर रहे है.इस पर चर्चा कर रहे है और इसका विरोध कर रहे है.वीर गीत के माध्यम से ग्रामीण संताल हुल के स्वन्तंत्रा सेनानि सिदो-कान्हू मुर्मू को याद कर रहे है.जिन्होंने जल,जंगल,जमीन और देश के लिय अपनी जान अंगेजो के विरुद्ध लड़ते हुए कुर्बान हो गए. 
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