देशद्रोह के मुक़दमे झारखंड के आदिवासीयों पर सबसे ज्यादा : दयामनी बारला का यह वीडियो जरुर देखें





जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के नेता कन्हैया कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की जिस धारा 124(ए) के तहत देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है उसके तहत साल 2014 में जम्मू-कश्मीर में एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया।

झारखंड इस मामले में अव्वल रहा। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 2014 में देश के खिलाफ अपराध के सबसे ज्यादा 47 मामले धारा 124(ए) के तहत ही दर्ज किए गए थे। अपराध ब्यूरो ने देश के खिलाफ अपराध के तहत दर्ज मामलों का आंकड़ा गत वर्ष पहली बार जारी किया था। यह बेहद हैरानी की बात है कि आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित जम्मू-कश्मीर में जहां आए दिन पाकिस्तान के समर्थन में देश विरोधी नारे लगते हैं और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन होते हैं देशद्रोह का एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया।  झारखंड में इस दौरान देशद्रोह के सर्वाधिक 18 मामले दर्ज हुए, जबकि माओवादी हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित छत्तीसगढ़ में ऐसा केवल एक ही मामला दर्ज किया गया। रिकार्ड के अनुसार 2014 में बिहार में देश के खिलाफ अपराध के 20 मामले दर्ज हुए, लेकिन इनमें से केवल 16 मामलों को देशद्रोह का मामला बताया गया है। पूर्वोत्तर राज्यों में देश के खिलाफ अपराध के 100 मामले दर्ज हुए थे, जिनमें से सबसे अधिक 56 मामले असम में दर्ज हुए, लेकिन इनमें से धारा 124(ए) के तहत देशद्रोह का मामला केवल एक ही बना, जबकि मेघालय में दर्ज 32 मामलों में से  देशद्रोह का एक भी मामला नहीं बना।

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