जापान के बाद जैतापुर में बढ़ी हाय तौबा

जापान में परमाणु हादसे के बाद जैतापुर परमाणु ऊर्जा परियोजना का विरोध ओर तेज हो गया है। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि सुरक्षा कारणों से इस परियोजना को रद्द कर दिया जाना चाहिए जबकि सरकार भविष्य की इ्रंधन आवश्यकताओं को देखते हुए इस परियोजना को जरूरी बता रही है। तकरीबन 1000 हैक्टेयर में बन रही इस परियोजना का काम भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में फ्रांस के अरेवा समूह के सहयोग से कर रही हैं

स्थानीय लोग इस परियेाजना का विरोध कर रहे हैं। राजनीतिक पार्टियां इस परियोजना को लेकर दो धड़ों में बंटी नजर आ रही हैं। शिवसेना इस परियोजना का विरोध कर रही है जबकि भारतीय जनता पार्टी चुप्पी साधे हुए है और कांग्रेस- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी इस परियोजना के पक्ष में है। दरअसल यह परियोजना राजनीतिक वर्चस्व की भी लड़ाई बन गई है। शिवसेना का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ थामने वाले नारायण राणे के दबदबे वाले इलाके में यह परियोजना आती है, शिवसेना स्थानीय लोगों का साथ देकर इस परियोजना को रद्द कराने में सफल होती है तो वह राणे को उन्हीं के घर में पटखनी देने में कामयाब होगी।
Share on Google Plus

Unknown के बारे में

एक दूसरे के संघर्षों से सीखना और संवाद कायम करना आज के दौर में जनांदोलनों को एक सफल मुकाम तक पहुंचाने के लिए जरूरी है। आप अपने या अपने इलाके में चल रहे जनसंघर्षों की रिपोर्ट संघर्ष संवाद से sangharshsamvad@gmail.com पर साझा करें। के आंदोलन के बारे में जानकारियाँ मिलती रहें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें