कूडानकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र विरोधी संघर्ष

कूडानकुलम, इदिनतकराई में विवादित परमाणु ऊर्जा परियोजना के विरोध में चल रहे सैकड़ों आंदोलनकारियों का उपवास 21 सितम्बर 2011 को समाप्त हो गया। इदिनतकराई में कूडानकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र के खिलाफ ये प्रदर्शनकारी पिछले 10 दिन से अनिश्चितकालीन उपवास पर थे। इनकी मांग थी कि इस परमाणु ऊर्जा संयंत्र को रद्द किया जाये। पीपुल्स मूवमेंट अगेन्स्ट एटॉमिक पॉवर के संयोजक एस वी उदयकुमार के अनुसार जापान के फुकुशिमा पॉवर प्लांट में हुई दुर्घटना के कारण स्थानीय निवासी इस परमाणु ऊर्जा संयंत्र को लेकर चिंता में थे। इसके अलावा इस परमाणु ऊर्जा संयंत्र के 500 मीटर के दायरे में मछली पकड़ने पर रोक के कारण स्थानीय मछुआरा समुदाय भी इस संयंत्र का कड़ा विरोध कर रहा है ।
ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्थानीय आबादी की आशंकाओं को दूर करने के लिए अपने कार्यालय से राज्यमंत्री वी. नारायणसामी को कूडानकुलम भेजा। मगर इस विशय पर वह गतिरोध को दूर नहीं कर पाये।

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने कूडानकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र विरोधी आंदोलन के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर आश्वासन दिया कि 22 सितम्बर 2011 को उनकी कैबिनेट इस परमाणु ऊर्जा संयंत्र के खिलाफ प्रस्ताव पारित करेगी। इसके बाद इस परमाणु ऊर्जा संयंत्र के खिलाफ संघर्षरत आंदोलनकारियों ने अपने अनिश्चितकालीन उपवास तथा दूसरे प्रदर्शनों को फिलहाल स्थगित कर दिया। साथ ही यह भी कहा कि कूडानकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र के खिलाफ उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक इसके निरस्तीकरण की घोषणा अंतिम रूप से नहीं कर दी जाती।

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