महावीर कोल वाशरी के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना शुरू : प्रस्तावित जन सुनवाई स्थगित


छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के घरघोडा के भेंगारी में प्रस्तावित टीआर एनर्जी और महावीर एनर्जी स्थापित होने से प्रदुषण ,पेड़ कटाई और भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आज से अनिश्चित कालीन धरना शुरू हो गया.

अभी पिछले दिनों कंपनी के गुंडों के साथ मिलकर छतीसगढ़ पुलिस के लोगों ने ग्रामीणों पर हमला किया औऱ उन्हें जेल भेजने की धमकी भी दी ।

आज सुबह से भारी संख्या में आदिवासी दलित किसान मजदूर एकत्रित होने लगे उनकी एक ही मांग है कि वे किसी भी कीमत पर न तो अपनी जमीन देंगे और अपने गाँव की रक्षा करेंगे .

प्रशाशन ने ग्रामीणों के प्रतिरोध और रोष को देखते हुये कल होने वाली जन सुनवाई स्थगित कर दी ,बहाना यह बनाया की पर्याप्त संख्या में पुलिस फोर्स नहीं हैं ,अब कम्पनी सोच रही है कि थोड़ा शान्ति स्थापित होने के दो महीने बाद  आगामी कार्यवाही शुरू की जाए.

आज धरने मे छतीसगढ़ के अलग अलग जिलों से सामाजिक ,राजनैतिक संगठन से बडी संख्या मे क्कार्यकर्ता शामिल हुये है .

दलित आदिवासी मजदूर कार्यकर्ता समिति ने यह धरना निम्न स्थितियों में अनिश्चितकालीन धरना देने को मजबूर हुये हैं .

रायगढ जिले के घरघोडा मे जुनवानी और सुहाई जंगल के नाम से जाना जाता है ,यह 10 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र मे विस्तारित हैं और 32 गांव की कुल.आबादी करीब पचास हजार के आसपास है ।इस क्षेत्र के केन्द्र मे भेंगारी गांव मे टीआ एन एनर्जी और महावीर. एनर्जी एण्ड कोल नामक दो कंपनियां स्थापित होंने से इस क्षेत्र मे वायु प्रदूषण और अंधाधुंध पेड कटाई बेतहाशा रूप से जारी हैं.

इस क्षेत्र की जीवनदायिनी कुरकुट नदी और भूगर्भ जल के अंधाधुंध दोहन से पानी का संकट उत्पन्न हो गया है साथ ही आसपास के जिंदा नाला में अपशिष्ट पदार्थों के डाले जाने से निस्तार के लिये संकट पैदा हो गया है .यह क्षेत्र पांचवीं अनुसूची मे आता हैं इसीलिए गहन वनों से युक्त है, यहाँ पेसा कानून और वनाधिकार कानून लागू है जिसके तहत विशेष अधिकार मिले हुऐ है ,जिनका. उलंघन कानूनी अपराध हैं .ग्रामीणों की जमीन को बिना वनाधिकार कानून ,पेसा,भूअर्जन , पुनर्वास और व्यवस्थापन की प्रक्रिया पूर्ण किए बिना नही लिया जा सकता है .लेकिन सरकार और कम्पनी मिल कर बिना कोई प्रक्रिया पूर्ण किये जमीन हड़प रहे हैं ,इससे अपनी जमीन से बेदखली के कारण भयानक असंतोष ,बेरोजगारी और व्यवस्था फैल गई है ।

अपशिष्ट के गैर जिम्मेदारी पूर्ण निपटारे के कारण लघु वनोपज ,जैव विविधता ,पारिस्थितिकी तंत्र हाथी और मानव में द्वंद की स्थिति के कारण खेती पर विपरीत असर पड़ रहा है.

साभार : CGBasket
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