देश भर में बड़कागांव गोली कांड के खिलाफ आक्रोश; विरोध में प्रदर्शन


झारखंड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव में 1 अक्टूबर को कफन सत्याग्रहियों पर सुबह 4 बजे पुलिस द्वारा की गई फायरिंग, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई है, के विरुद्ध पूरे देश की जनता में रोष है। सरकार द्वारा एनटीपीसी के खिलाफ अधिग्रहित की जा रही अपनी 15,000 एकड़ उपजाऊ जमीन को बचाने के लिए शांतिपूर्वक सत्याग्रह कर रहे गांव के आदिवासियों पर राज्यसत्ता द्वारा किए गए इस दमन के खिलाफ 2 अक्टूबर को देश भर में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए। जनता की जायज मांगों को लेकर लड़ रहे विभिन्न जनसंगठनों ने प्रशासन की क्रूर कार्रवाई की भर्त्सना करते हुए, विरोध-प्रदर्शन, प्रेस विज्ञप्तियों तथा बयानों के माध्यम से अपना रोष व्यक्त किया है। हम यहां पर आपके साथ, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, राजस्थान, दिल्ली के विभिन्न स्थानों से आए विरोधों की रिपोर्ट साझा कर रहे है;

3 अक्टूबर को नई दिल्ली स्थित झारखंड भवन के सामने दिल्ली के विभिन्न जनसंगठनों ने 1 अक्टूबर को हजारीबाग में हुए कफन सत्याग्रहियों के उपर हुई पुलिस फायरिंग के विरोध में प्रदर्शन किया
बड़कागांव, हजारीबाग में हुए बर्बर गोलीकांड के खिलाफ कल 2 अक्टूबर 2016 को सायं 5 बजे अलबर्ट एक्का चौक (रांची) पर जमा हों. संघर्ष में लगे साथियों से निवेदन है कि यदि आप इस कार्यक्रम में नहीं आ पायेंगे तो कल अपने गांव शहर में ही इस तरह का प्रतिरोध मार्चा का आयोजन करे. बडकागांव गोली कांड के विरोध में मुख्यमंत्री रघुवर दास का पुतला दहन आम्रपाली मे रयत बच्चों ने किया

बङकागॉव (हजारीबाग) में हुऐ गोली काण्ड के खिलाफ C P I (M) रॉची जिला कमिटी लोहरदगा जिला कमिटी लातेहार एवं जमशेदपुर जिला कमिटी ने रघुवर सरकार का पुतला दहन किया।

बिहार 
बीजेपी शासित राज्य झारखंड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव बर्बर पुलिस गोलीकांड के खिलाफ बिहार के भागलपुर में न्याय मंच के बैनर तले स्टेशन चौक पर प्रतिवाद- प्रदर्शन व नुक्कड़ सभा का आयोजन हुआ. पिछले कई दिनों से ग्रामीण एनटीपीसी द्वारा भूमि अधिग्रहण व खनन के खिलाफ शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक तरीके से 'कफन सत्याग्रह' चला रहे थे. कल आधी रात से पुलिस दमन की सीधी कार्रवाई शुरु हुई। ग्रामीणों ने भी प्रतिरोध किया, अंतत: कल सुबह पुलिस ने बर्बर गोलीकांड को अंजाम दिया. अभी तक 6 लोगों के मारे जाने, कई के गायब होने तथा कई एक के जीवन-मौत से जूझने व दर्जनों के घायल होने की खबर है. भागलपुर स्टेशन चौक पर शाम को आयोजित प्रतिवाद प्रदर्शन के मौके पर आयोजित नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए न्याय मंच के रिंकु ने कहा कि जमीन व जंगल बचाने के लिए जारी लोकतांत्रिक आंदोलन के बर्बर दमन ने देशभक्त भाजपा की सरकार के फासीवादी चरित्र को ही सामने लाया है. भगवा देशभक्तों की देशभक्ति देश के सीमाओं के अंदर किसानों-आदिवासियों को ही निशाना बनाती है. लोकतंत्र की हत्या व जनसंहार रचाती है. न्याय मंच के डॉ मुकेश कुमार ने कहा कि झारखंड सरकार के बर्बर दमन की कार्रवाई ने अंग्रेजी राज की यादें ताजा कराई है. सचमुच में देशभक्त भाजपा की सरकार केन्द्र से झारखंड तक देश को देशी-विदेशी कॉरपोरेट लुटेरों के हवाले कर रही है. देश की आजादी व लोकतंत्र को निशाने पर ले रही है. लेकिन देशभक्त किसान-आदिवासी-दलित-वंचित व छात्र-नौजवान, बुद्धिजीवी भाजपा के फासीवादी-देशद्रोही मनसूबों को सफल नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि झारखंड की रघुवर सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गयी, वैसी किसी भी सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है जो लोकतंत्र व जन अधिकारों की हत्या करती हो. अपनी जनता का कत्लेआम करती हो। सभा को रिंकु ने भी संबोधित किया। उक्त अवसर पर छात्र नेता अंजनी, मानस, समाजकर्मी प्रवीर, सार्थक भारत, बाकिर अली, अर्जुन शर्मा, सुमन कुमार, संजीव कुमार, सोनम राव सहित दर्जनों लोग उपस्थित हुए।

राजस्थान
झारखण्ड के हजारीबाग जिले के बड़कागाँव के आदिवासी अपनी जमीन एनटीपीसी द्वारा कोयला खोदने के लिए अधिग्रहित की जाने के खिलाफ पिछले 15 दिनों से शांतिपूर्ण तरीके से कफ़न सत्याग्रह चला रहे थे. 1 अक्टूबर 2016 की सुवह 4 बजे पुलिस ने सत्याग्रह स्थल पर सो रहे लोगों पर फायरिंग की जिसमें मौके पर ही 4 लोगों की मौत हो गई. कल शाम तक 6 लोगों का पोस्टमार्टम हो चुका है, मरने वालों में ज्यादातर नौजवान है, एक 13 साल के बच्चे को भी गोली मारी गई है. मिली खबर के मुताबिक पुलिस फायरिंग में 70-75 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 35 रांची में भर्ती हैं और बाकी घायल हजारीबाग के अस्पताल में भर्ती हैं. पुलिस द्वारा इस बर्बर हत्याकांड की घटना की मजदूर किसान शक्ति संगठन कड़े शब्दों में निंदा करता है और राज्य सत्ता के इस दमन की निष्पक्ष जाँच की मांग करता है. गोलीकांड के दोषियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किये जाने, मृतक किसानों के परिवारजनों को मुआवजा दिये जाने, घायल किसानों के समुचित इलाज की व्यवस्था तुरंत किये जाने जाने की हम मांग करते हैं. हमारा मानना है कि बड़का गाँव की जमीन पर वहां के आदिवासियों का ही हक़ है इसे किसी भी हालत में नहीं छीना जाये हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं. राज्य सत्ता की इस प्रकार की दमनकारी नीतियों का हम पुरजोर विरोध करते हैं. अरुणा रॉय, निखिल डे, शंकर सिंह एवं MKSS के सभी साथी मजदूर किसान शक्ति संगठनन राजस्थान की ओर से अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: 9468862200
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