राजस्थान के अलवर जिले के टपूकड़ा में हौंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर प्रा. लि. दो पहिया वाहन निर्माता कम्पनी स्थित है जिसमे 16 फरवरी 2016 को एक श्रमिक को जबरन मारपीट करके ओवर टाइम पर रोका गया. जब सभी श्रमिको को इस बात का पता चला तो सभी ने मिलकर कम्पनी प्रबंधन से बात करके दोषी इंजिनियर पर कार्यवाही की मांग की, इस बीच कम्पनी प्रबंधन ने बाउंसर की टीम बुलाई, जो श्रमिको के साथ मारपीट करने लगे तथा कुछ ही देर में कम्पनी प्रबंधको ने पुलिस को बुलाकर श्रमिको पर लाठी चार्ज करवा दिया, जिसमे श्रमिको को काफी गंभीर चोटे आई और श्रमिको पर 307, 395 जैसी धाराएं लगाकर जेल भिजवा दिया तथा 3000 के लगभग ठेका श्रमिको और 200 स्थाई श्रमिको को कम्पनी ने सेवामुक्त कर दिया!
पिछले सात महीनों से हौंडा मज़दूर न्याय के लिए लगातार संघर्षरत है. आज तक पुलिस-प्रशासन-न्यायपालिका के तरफ से उनको न तो औद्योगिक क्षेत्र के कोई भी जगह में प्रदर्शन करने दिया जा रहा है और न ही गुड़गांव से लेकर जयपुर तक कोई भी जगह में बैठकर शांतिपूर्ण तरीके से धरना देने की अनुमति दिया जा रहा है. 19 फ़रवरी को करीब 5000 मज़दूर गुड़गांव ताऊ देवीलाल पार्क से रैली लेकर हौंडा हेड ऑफिस पहुंचे थे और उधर हौंडा मज़दूरों ने धरना शुरू किया था, मगर एक दिन बाद ही उनको धारा 144 दिखाकर पुलिस-प्रशासन ने खदेड़ दिया. फिर मज़दूरों ने लगातार टपुकड़ा, अलवर, धारुहेरा, जयपुर में धरना-प्रदर्शन करने का कोशिश की, मगर पुलिस-प्रशासन के भारी दमन के कारण कार्यक्रम को आगे बढ़ाना संभव नहीं हुआ. श्रमिको ने राजस्थान और केंद्र सरकार से न्याय की मांग की परन्तु कही पर भी न्याय नही मिला।
अपनी मांगों के पूरा न होने की स्थिति में होंडा के मजदूरों ने अपने संघर्ष को अगला पड़ाव देते हुए 19 सितंबर से दिल्ली के जंतर-मंतर पर आमरण अनशन शुरु किया। इसी क्रम में मजदूरों ने 23 सितंबर 2016 को राजस्थान भवन पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने पहुंचे। किंतु अपनी जायज मांगों के लिए इन मजदूरों का शांतिपूर्वक प्रदर्शन भी प्रशासन को रास न आया और 50 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर संसद मार्ग थाने पर पहुंचा दिया गया है।
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