झारखण्ड : भाजपा सरकार एसपीटी एक्ट और सीएनटी एक्ट में छेड़छाड़ करना बंद करें


झारखण्ड में जब से भाजपा की सरकार बनी है तब से लगातार एसपीटी एक्ट और सीएनटी एक्ट में बदलाव की कौशिशे की जा रही है.  रघुवर सरकार पूंजीपति कोर्पोरेट के हीत साधने के लिए आदिवासियों की जमीन रक्षा के लिए बने कानूनों में छेड़छाड़ कर वर्षों से दवे हुए विद्रोह को हवा देने का काम कर रही हैं. परन्तु सरकार को याद रखना चाहिए कि यदि फिर से एक बार विद्रोह भड़का तो अब संभालना मुस्किल होगा. क्योकि अब आदिवासियों की पहुँच सिर्फ तीर और कामन तक ही नहीं है. पेश है झारखण्ड में आदिवासियों की जमीन लूट पर बन रही भाजपा की रणनीति पर दीपक रणजीत की टिप्पणी;

अंग्रेज जब पहले पहल छोटानागपुर और संथाल परगणा के धरती में पदार्पण किया उसी समय से बाहरियों द्वारा जमीन लूट के खिलाफ आदिवासिओं ने अपना विद्रोह आरम्भ कर दिया.

इसके बाद आदिवासी विद्रोहों का एक शिलशिला सा चल पड़ा. अंग्रेजी हुकूमत तरफ एक विद्रोह से निपटती तो दुसरी तरफ दूसरा विद्रोह आरम्भ हो जाता. इन विद्रोह से हैरान परेशान अंग्रेजों ने इसका स्थायी समाधान निकालने के चिंतन मंथन किया तो पाया कि आदिवासिओं के विद्रोह का मुख्य कारण है बाहरियों द्वारा उनके जमीनों पर जबरन कब्ज़ा करना है.

जमीन लूट से निजात के लिए जमीन लूट को रोकने के लिए अंग्रेजों ने आदिवासिओं के जमीन रक्षा के लिए दो कानून बनाया. एक संथाल परगणा के लिए SPT Act (Santhal Pargana Tenancy Act) और दूसरा छोटानागपुर के लिए CNT Act (Chhotanagpur Tenancy Act 1908) बनाया. ताकि फिर कोई जमीन नहीं लूट सके और विद्रोह न भड़के. इसके बाद से विद्रोह का संख्या कही कही कम कही कही विद्रोह हुआ ही नहीं.

अब रघुवर सरकार पूंजीपति और बाहरियों के हीत साधने के लिए आदिवासिओं के जमीन रक्षा के बने कानूनो को छेड़छाड़ कर वर्षो से दवे हुए विद्रोह को हवा देने का काम कर रही हैं. परन्तु सरकार को याद रखना चाहिए कि यदि फिर से एक बार विद्रोह भड़का तो अब संभालना मुस्किल होगा. क्यूंकि अब आदिवासिओं का पहुँच सिर्फ तीर और कामन तक ही नहीं है.
Share on Google Plus

Unknown के बारे में

एक दूसरे के संघर्षों से सीखना और संवाद कायम करना आज के दौर में जनांदोलनों को एक सफल मुकाम तक पहुंचाने के लिए जरूरी है। आप अपने या अपने इलाके में चल रहे जनसंघर्षों की रिपोर्ट संघर्ष संवाद से sangharshsamvad@gmail.com पर साझा करें। के आंदोलन के बारे में जानकारियाँ मिलती रहें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें