मोदी का कार्पोरेट्स को एक और तोहफा : राष्ट्रीय खनिज उत्खनन निति को मंजूरी, आदिवासियों को नई मुसीबत


मोदी सरकार ने 29 जून को सातवे वेतन आयोग की अनुशंसा को अपनाने के साथ साथ बड़ी चतुराई से राष्ट्रीय खनिज एक्सप्लोरेशन पालिसी को हरी झण्डी दे दी । इसके तहत निजी संस्थाओ को खनिज सम्पदा का खजाना ढूंढने के लिए सरकार ने अनेक रियायत देने का प्रावधान है जिसमे खनिज से मिलने वाले राजस्व में सम्बंधित कम्पनी को भी एक हिस्सा दिया जायेगा ।

सरकारी अधिकारियो का मानना है कि इस नीति की वजह से देश के 100 से अधिक ब्लाक में खनिज उत्खनन का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा ।

भारतीय खनिज सर्वेक्षण विभाग का कहना है की खनन योग्य क्षेत्रो के सिर्फ 10% हिस्सों में ही मात्र 1.5 से 2 % खनिज ही निकाली जा रही है ।

इस नीति से खनिज सम्पदा पर कार्पोरेट्स का कब्जा और बढ़ जायेगा । मोदी सरकार ने फिर अपने कार्पोरेट्स के दलाल होने का नया प्रमाण दिया है ।

जाहिर है सदियो से खनिज सम्पदा को सहेजकर रखने वाले आदिवासी, स्थानीय निवासी से हमेशा की तरह विस्थापित कर दिये जायेंगे ।

बस्तर में माओवाद के नाम पर चल रहा आदिवासी उन्मूलन अभियान इस पालिसी के चलते अब और गति पकड़ेगा ।

हो सकता है यह खबर अख़बार के किसी कोने में छपे ! तो साथियो सावधान .
Share on Google Plus

Unknown के बारे में

एक दूसरे के संघर्षों से सीखना और संवाद कायम करना आज के दौर में जनांदोलनों को एक सफल मुकाम तक पहुंचाने के लिए जरूरी है। आप अपने या अपने इलाके में चल रहे जनसंघर्षों की रिपोर्ट संघर्ष संवाद से sangharshsamvad@gmail.com पर साझा करें। के आंदोलन के बारे में जानकारियाँ मिलती रहें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें