42 निर्दोष किसान बंद हैं यूपी की जेल में, सरकार लगी है ज़मीन हड़पने के खेल में

14 अक्टूवर को दिल्ली के उत्तर प्रदेश भवन में जब सामाजिक कार्यकर्त्ता, छात्र और नौजवान इलाहाबाद जिले के करछना के किसानों के समर्थन में प्रदर्शन करने पहुंचे, तो उन्हें पहुंचते ही गिरफ्तार कर लिया गया. ये लोग उन किसानों के संघर्ष के प्रति अपना समर्थन जताने पहुंचे थे जो यूपी की नैनी जेल में पिछले 9 सितम्बर से बंद हैं, सिर्फ इसलिए की उन्होंने अपनी ज़मीन बचाने के लिए आवाज़ उठाई जबकि अखिलेश सरकार जेपी औद्योगिक घराने के लिए सरकारी महकमों और पुलिस का इस्तेमाल कर के ज़मीन हड़पने में लगी हुई है. उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार का यह कदम इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2012 के उस निर्देश का खुला उल्लंघन है जिसमें न्यायालय ने करछना के भूमि अधिग्रहण को रद्द कर दिया था.

उद्योगपतियों के लिए अदालत को भी ताक पर रख देने वाली सरकार खुद को समाजवादी कहती है और अपनी जीविका और खेत बचाने के लिए उठ खड़े हुए किसानों पर ज़ुल्म ढा रही है. इस अत्याचार पर अगर भारत के नागरिक खामोश रहते हैं तो इससे हमारे लोकतंत्र की जडें और कमजोर होंगी.
Share on Google Plus

Unknown के बारे में

एक दूसरे के संघर्षों से सीखना और संवाद कायम करना आज के दौर में जनांदोलनों को एक सफल मुकाम तक पहुंचाने के लिए जरूरी है। आप अपने या अपने इलाके में चल रहे जनसंघर्षों की रिपोर्ट संघर्ष संवाद से sangharshsamvad@gmail.com पर साझा करें। के आंदोलन के बारे में जानकारियाँ मिलती रहें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें