भूमि अधिग्रहण बिल पर गठित संयुक्त संसदीय समिति की अंतिम तारीख को बढ़ाये जाने की मांग पर प्रेस वार्ता; 5 जून 2015, नई दिल्ली

प्रेस आमंत्रण

5 जून 2015, 4: 00 बजे
स्थल : इंडियन विमेंस प्रेस कोर्प (आईडब्ल्यूपीसी),
5, विंडसर प्लेस, अशोका रोड, दिल्ली 
 

“भूमि अधिग्रहण में समुचित मुआवज़ा और पारदर्शिता का अधिकार, पुनर्वास और पुनर्वसन (द्वितीय संशोधन बिल, 2015)” पर सुझाव देने के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति की अंतिम तारीख को बढ़ाये जाने पर भूमि अधिकार आंदोलन की प्रेस वार्ता;

“भूमि अधिग्रहण में समुचित मुआवज़ा और पारदर्शिता का अधिकार, पुनर्वास और पुनर्वसन (द्वितीय संशोधन बिल, 2015)” पर दो हफ्तों के अंदर अपने सुझाव देने के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया गया. इस समिति को 8 जून तक अपनी सभी सिफारिशें संसद में प्रस्तुत करनी हैं. सभी संगठनों और जन संगठनों का मानना है कि यह समयावधि बहुत कम है और इस समयावधि में इज़ाफा किये जाने की जरुरत है ताकि ज्यादा से ज्यादा सुझाव इस संयुक्त संसदीय समिति को दिए जा सकें.

8 जून को अंतिम तारीख है और अब तक इस समिति ने अपनी ओर सुझाव लेने का कोई प्रयास नहीं किया है.
देशभर के मजदूरों और किसानों से जुड़कर भूमि अधिकार आन्दोलन, इस भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का विरोध करता है, जिससे भारतीय जन मानस की आजीविका प्रभावित हो रही है.

हम महसूस कर रहे हैं कि वर्तमान मसौदे पर प्रभावित हो चुके  इलाकों में ज्यादा से ज्यादा जन सभाएं, जन सुनवाई और परामर्श सभाओं का आयोजन किया जाये ताकि उनके अनुभवों को समिति की सिफारिशों में शामिल किया जा सके, जैसे कलिंगनगर, नीलगिरी, कन्हार, भट्टा परसौल, जशपुर आदि.

 इसी मुद्दे पर भूमि अधिकार आन्दोलन के कुछ प्रतिनिधि 5 जून, 2015 को शाम 4 बजे, आईडब्ल्यूपीसी में एक प्रेस कांफ्रेंस करने जा रहे हैं. इस प्रेस कांफ्रेंस को हन्नान मौला (आल इण्डिया किसान सभा, कनिंग लेन),रोमा मलिक (अखिल भारतीय वन श्रमजीवी संघ), भूपिंदर रावत (एनएपीएम) और कुछ अन्य नेता एड्रेस करेंगे.
हम मांग करते हैं कि जब तक प्रभावित इलाकों में बड़े पैमाने पर जन सभाओ, परामर्श सभाओं, और जन सुनवाइयों का आयोजन नहीं हो जाता तब तक इस समिति की समयावधि को बढ़ाया जाये.

भूमि अधिकार आन्दोलन

सम्पर्क सूत्र : संजीव (9958797409), कृष्णा प्रसाद (9560120964), श्वेता (9911528696) 


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