भूमि अधिकार चेतावनी उपवास : 26 से 29 अप्रैल 2015, नीलम पार्क, भोपाल

एकता परिषद के संस्थापक श्री राजगोपाल पी.व्ही. एवं देश के जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता दिनाँक 26 से 29 अप्रैल 2015 को धरना एवं उपवास करेंगे। जैसा कि आप जानते है एकता परिषद ने जनादेश 2007 एवं जसत्याग्रह 2012 सहित कर्इ छोटे-बड़े अहिंसात्मक आंदोलनों के माध्यम से भूमिहीनों, आवासहीनों एवं वंचित समुदाय के लिए व्यापक स्तर पर नीति एवं नियम बनाने के लिए राज्य सरकारों एवं भारत सरकार को वंचितों के हक में फैसला लेने के लिए मजबूर किया। जिस पर अमल करने का वादा राज्य सरकार व भारत सरकार ने किया था। पर पिछले कुछ समय से देखने में आ रहा है कि सरकार एक ओर जनता के सामने उनकी हितैषी बनने की बात कर रही है तो दूसरी ओर गरीबों एवं किसानों को उजाड़ कर उधोगपतियों एवं पूंजीपतियों को लाभ पहुँचाने वाले कानून एवं नियम बना रही है। ऐसे नियम एवं कानूनों से प्रदेश एवं दे का विकास नहीं अपितु विनाश होगा।

पिछले दिनों मध्यप्रदेश की सरकार आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को बेचने के लिए तरह-तरह के नियम-कानून बनाने का प्रयास कर रही है। तत्काल में ही मुख्यमंत्री ने खेती की जमीन को गैर खेती के काम के लिए डायर्वसन की प्रक्रिया को आसान बनाकर पूंजीपतियों को लाभ पहुँचाने का प्रयास किया है। एक ओर सरकार लगातार कृषि एवार्ड लेकर खेती किसानी में विकास का ढिंढोरा पीट रही है तो दूसरी ओर इस तरह के नियम बनाकर खेती को बर्बाद करने पर तुली हुर्इ है।

सरकार द्वारा प्रदेश की एक तिहार्इ जनता की अनदेखी के कारण एकता परिषद ने 26 से 29 अप्रैल 2015 तक उपवास एवं धरना करने का निर्णय लिया है। धरना एवं उपवास में एकता परिषद के संस्थापक राजगोपाल पी.व्ही. के साथ सैकड़ों की सख्ंया में आदिवासी एवं वंचित समुदाय के प्रतिनिधि तथा अन्य संस्था संगठन के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।

आपसे विनम्र निवेदन है कि आप भी इस उपवास एवं धरना में शामिल होकर वंचित समुदाय के संघर्ष में अपना सहयोग एवं समर्थन दें।

एकता परिषद, गांधीभवन, श्यामला हिल्स, भोपाल
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