झारखण्ड : आदिवासियों का देशव्यापी उलगुलान का ऐलान !

झारखण्ड के खूंटी जिले में 8 जनवरी 2015 को आबा भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली पर भारी बारिश और तूफान के बीच भारी संख्या में आदिवासियों ने पांचवी अनुसूचि, सीएनटी एक्ट, एसपीटी एक्ट, पेसा कानून और आदिवासी अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट हुए और सरकार को चेताया कि आदिवासियों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

रैली में ‘दलित आदिवासी दुनिया’ के संपादक मुक्ति तिर्की और युवा आदिवासी नेता चोनहास खलखो ने भी आदिवासियों को अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आगे आने का आह्वान किया। पांचवी अनुसूचि के अंतर्गत देश के अनुसूचित क्षेत्र में पंचायत कानून लागू करना या भूमि अधिग्रहण कानून लागू करना है असंवैधानिक है।

पांचवी अनुसूचि के अंतर्गत आदिवासियों को स्वायत्ता का विशेषाधिकार प्राप्त है, जहां आदिवासियों के परंपरागत कानून ही लागू होते हैं। पांचवी अनुसूचि में कोई भी संशोधन करने का अधिकार संसद को भी नहीं है। आदिवासी विरोधी कानूनों के विरोध में 24 जनवरी को अखिल भारतीय आदिवासी महासभा द्वारा सांकेतिक रुप से हजारों आदिवासी पांचवी अनुसूचि के विचारों के विरुद्ध पारित पंचायत अधिनियम और भूमि अधिग्रहण अध्यादेश आदि आदिवासी विरोधी कानून की प्रतियां जलार्ई जाएंगी।
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