महान संघर्ष समिति ने दिल्ली में कहा अबकी बार हमारा अधिकार



दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित महारैली में समिति ने लिया हिस्सा 
 नई दिल्ली। 2 दिसंबर, 2014। देश भर के 200 से अधिक संगठनों द्वारा सामाजिक सुरक्षा और अधिकारों, प्राकृतिक संसाधनों पर लोगों के हक़,  मजदूर अधिकार और वैकल्पिक विकास के लिए दिल्ली में आयोजित  संयुक्त महारैली में महान संघर्ष समिति ने भी हिस्सा लेकर “अबकी बार हमारा अधिकार” का नारा दिया।

लोकसभा सत्र के बीच आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर  वन अधिकार, मनरेगा, खाद्य सुरक्षा, भूमि अधिग्रहण कानून जैसे प्रगतिशील कानूनों व उदारवादी नीतियों में फेरबदल करने की  सरकारी कोशिश के विरोध में तथा जल,जंगल, जमीन, पानी,बिजली, पेंशन, मजदूर-किसानों के अधिकारों को बचाने के लिये देश भर के सामाजिक संगठनों ने एक बैनर के नीचे जुटते हुए विशाल रैली का आयोजन किया जिसमें करीब 20 हजार से अधिक संख्या में लोग शामिल हुए।

सिंगरौली से इस प्रदर्शन में शामिल होने आए महान संघर्ष समिति के सदस्य व अमिलिया निवासी कमला सिंह खैरवार ने कहा, “हम महान जंगल और अपनी जीविका को बचाने की लड़ाई को लंबे समय से लड़ रहे हैं, लेकिन आज इस प्रदर्शन में शामिल होकर महसूस हुआ कि हम अकेले नहीं हैं बल्कि हमारी तरह ही देश भर में लोग अपनी जीविका और अधिकारों को बचाने के लिये संघर्ष कर रहे हैं। इस प्रदर्शन में शामिल होकर हम देश के दूसरे संघर्ष के साथियों के साथ एकजुटता जाहिर कर रहे हैं”।

ग्रीनपीस की कैंपेनर और महान संघर्ष समिति की कार्यकर्ता प्रिया पिल्लई ने कहा, “नयी सरकार ने चुनाव से पहले सबका साथ,सबका विकास का नारा दिया था, लेकिन आज वो जनता के हक में बने वन अधिकार, मनरेगा जैसे कानूनों को कमजोर करने की तैयारी कर रही है जिससे बड़ी परियोजनाओं का रास्ता साफ हो।

महान, सिंगरौली में भी हम पिछले चार सालों से वन अधिकार को लागू करवाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सरकार इस कानून को ही कमजोर करने की कोशिश कर रही है। साथ ही, कोयला आंवटन के लिये नया अध्यादेश लाने की भी तैयारी चल रही है जिससे कोयला खदानों का विरोध कर रहे लोगों की आवाज को दबाये जाने की कोशिश की जायेगी। यह अध्यादेश हमारे प्रदर्शन करने और संगठित होने के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। इसीलिए हम देश की दूसरी लड़ाईयों के साथियों के साथ नयी सरकार द्वारा अपनायी जा रही जनता विरोधी निर्णयों के खिलाफ इस प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं”।

इस महारैली  में  महान संघर्ष समिति के साथ-साथ आईसा,एआईडीडब्यूए, अनहद, एकता परिषद, खेत मजदूर सभा, बंधुआ मुक्ति मोर्चा, सीविक, कमुनालिज्म कौमबैट, ग्रीनपीस, जामिया टीचर्ज़ सॉलिडेरिटी एसोसिएशन, जन आन्दोलनों का राष्ट्रीय समन्वय, पेंशन परिषद, राष्ट्रीय मजदूर अधिकार मोर्चा,भोजन का अधिकार अभियान जैसे करीब 200 से अधिक सामाजिक संगठनों ने हिस्सा लिया।

Share on Google Plus

Unknown के बारे में

एक दूसरे के संघर्षों से सीखना और संवाद कायम करना आज के दौर में जनांदोलनों को एक सफल मुकाम तक पहुंचाने के लिए जरूरी है। आप अपने या अपने इलाके में चल रहे जनसंघर्षों की रिपोर्ट संघर्ष संवाद से sangharshsamvad@gmail.com पर साझा करें। के आंदोलन के बारे में जानकारियाँ मिलती रहें।
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें