गुजरी 13 जनवरी को हरियाणा के फतेहाबाद में ग्रामीणों के विरोध के बावजूद प्रधानमंत्री द्वारा गोरखपुर में परमाणु संयंत्र की आधारशिला रखे जाने के विरोध में कई गांवों व विभिन्न संगठनों के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। परमाणु संयंत्र विरोधी मोर्चा और किसान संघर्ष समिति के नेतृत्व में गांव धागड़, बड़ोपल,खजुरी जाटो, काजल हेड़ी, खारा खेडी, जांडली व गोरखपुर की महिलाओं सहित सैकड़ों में स्थानीय लोगों ने भाग लिया। प्रदर्शन करने वाले प्रधानमंत्री वापस जाओ, परमाणु संयंत्र धोखा है धक्का मारो मौका है, खतरनाक परमाणु ऊर्जा कभी नहीं कभी नहीं, परमाणु ऊर्जा मौत के समान अक्षय ऊर्जा जिंदगी के समान है, आदि नारें लगा रहे थे। प्रदर्शन करने वाले ग्रामीणों का कहना था कि यह मामला अब केवल तीन गांवों का मामला न होकर पूरे क्षेत्र के अस्तित्व का सवाल है। उनका कहना था कि वर्तमान समय में समूचे विश्व में परमाणु ऊर्जा पर सवाल उठ रहे हैं वहीं भारत सरकार अपने देशवासियों की सुरक्षा के प्रति गंभीर नजर नहीं आ रही। प्रदर्शन में किसान संघर्ष समिति, परमाणु विरोधी मोर्चा, आजादी बचाओ आंदोलन के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया।
कितना खतरनाक है परमाणु संयंत्र ?
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फतेहाबाद में सोमवार को परमाणु संयंत्र के खिलाफ धरना देते इनेलो कार्यकर्ता |
गोरखपुर में प्रस्तावित परमाणु संयंत्र के शिलान्यास कार्यक्रम के विरुद्ध इनेलो ने राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित अंबेडकर पार्क में धरना दिया और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। धरने की अध्यक्षता इनेलो प्रदेश प्रवक्ता निशान ने की। माकपा ने परमाणु संयंत्र के शिलान्यास के विरोध में डीसी आफिस में धरना दिया। धरने की अध्यक्षता माकपा जिला सचिव रामकुमार बहबलपुरिया ने की तथा संचालन जगतार सिंह ने किया। कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
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