महिला दिवस पर आजाद मैदान से मुम्बई-दिल्ली संघर्ष यात्रा आरंभ

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मुम्बई के आजाद मैदान से मुम्बई-दिल्ली संघर्ष यात्रा का आरंभ हुआ। दिल्ली मुंबई औद्योगिक कोरिडोर यानि ‘डीएमआईसी‘ के खिलाफ इस यात्रा का आरंभ लवासा, वांग मराठवाड, नर्मदा, कंझावाला, दिल्ली, औरंगाबाद, पुणे, गोलिबार और मुम्बई के अनेक बस्तियों की महिला कार्यकर्ताओं ने प्रसिद्ध मराठी लेखिका हिराबाई दया पवार की उपस्थिति में किया। 

महिलाये जीवन का प्रतीक है ना कि हिंसा और विनाश की। यद्यपि सरकार राजनैतिक वर्ग और पूंजीवादी ताकतों के गठजोड़ ने स्थिति को बदतर किया है। किन्तु शहरी बस्तियों, नदी घाटियों, गांवों और सब जगह से महिलाओं ने निडरता से इसको चुनौती दी है। इसकी गवाह आज विभिन्न बस्तियों से आई एक हजार महिलाओं द्वारा ली गई संघर्ष को आगे बढ़ाने की शपथ है। कल यही महिलाएं बहादुरी से बुलडोजरों और पुलिस समर्थक शिवालिक बिल्डर के गुंडों के सामने खड़ी थी, जिन्होंने उनके घर तोड़ दिये थे। कल महाराष्टृ् सरकार का भी असली चेहरा देखाई दिया जिसने महिला दिवस की पूर्वसंध्या पर महिलाओं को बुरी तरह मारा और मेधा पाटेकर सहित नेहा, जोहरा, प्रेरणा गायकवाड़ जो कि गोलिबारी और अंधेरी में बस्तियां तोड़ने की खिलाफत कर रही थी। किसान संघर्ष समिति म.प्र. के डा. सुनीलम ने इसकी भत्र्सना करते हुए कहा कि छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश में भी महिलाएं अदानी ग्रुप के गुंडों का सामना कर रही हैं।

सब जगह एक ही संघर्ष चालू है। आज पूंजीवादी ताकतें गरीबों से भी गरीब का जो कुछ बचा है उसे भी छिनने को अमादा है। जिस पर हमारा घर बना है वो छोटा टुकड़ा भी, चाहे वो खेत में हो या बस्ती में ‘सोना‘ है। वे ये सब छिन लेना चाहते हैं और यही है ‘डीएमआईसी‘ की असलियत। ‘डीएमआईसी‘ जिसमें 1483 कि. मी. लम्बा राजमार्ग, जिसका प्रभावित क्षेत्र भारत की 14 प्रतिशत भूमि और 17 प्रतिशत आबादी होगी। इस जमीन का 70 प्रतिशत हिस्सा कृषि भूमि है जिसका देश के खाद्य सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ेगा।

अकादमियां, साहित्य, पत्रकारिता, विकास आदि हर क्षेत्र की महिलाएं आज के कार्यक्रम में उपस्थित थी। देश के विभिन्न आंदोलनों, स्थानों और संगठनों जैसे इंडिया एगेंस्ट करप्शन, युसूफ अली मेहर केन्द्र आदि से आई महिलाओं ने अपनी भावनाएं, विचार आदि रखे। बलन्दवान अलीसरग केन्द्र, दहानु रोड से आये बच्चों ने कार्यक्रम कें अंत में महिला अत्याचार पर नाटक की प्रस्तुति की।

मुम्बई-दिल्ली संघर्ष यात्रा के 10 राज्यों के कार्यकर्ता शामिल हुए हैं। यह यात्रा महाराष्टृ्, गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थना, हरियाणा, उत्तर प्रदेश से गुजरेगी और अंत में 18 मार्च को दिल्ली पहुंचकर किसान-खेत मजदूर महापंचायत में शामिल होगी। यह यात्रा डीएमआईसी के क्षेत्र में चल रहे संघर्षों को जोड़ने का एक प्रयास है। ज्ञातव्य है कि डीएमआईसी सभी लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई ग्राम सभाओं और पंचायतों के अधिकारों का उल्लंघन करती है और पर्यावरणीय संतुलन व मूलभूत अधिकारों के हनन का खतरा है।

मेधा पाटकर, डा. सुनीलम, सुनीति सु.र., गनेश्वर सड्गे, ज्ञानेश्वर सड्गे, लिंगराज आजाद, राज सिंह, वेदवती, कमला यादव, प्रेमा भाई, अतिक अहमद, सुभाष कोलेहकर, सुमित वजाले, प्रेरणा गायकवाड़, जीमल भाई, प्रसाद वागवे, सीला महापात्र, मधुरेश और अन्य मुम्बई से दिल्ली तक की यात्रा करेंगे।

  यात्रा का कार्यक्रम:-
महाराष्ट्र
8 मार्च 2013  आजाद मैदान, मुंबई
9 मार्च 2013   रायगढ़/कार्ला, पुणे जिला
10 मार्च 2013  धुले/ नंदुरबार-साकरी
11 मार्च 2013  औरंगाबाद/सिन्नर
गुजरात
12  मार्च 2013  उमरगांव (नारगोल)
13 मार्च 2013   सूरत
14 मार्च 2013  अहमदाबाद
गुजरात से एक यात्री दल मध्यप्रदेश होकर राजस्थान में मिलेगा
मध्यप्रदेश
15 मार्च 2013  पीथमपुरा औद्योगिक क्षेत्र, काली बीलोड और इंदौर
16 मार्च 2013  उज्जैन
राजस्थान
16 मार्च 2013  जयपुर, ‘‘डीएमआईसी: एक धोखा‘‘ 11 से 2 बजे तक सेमिनार व प्रैस वार्ता, जयपुर
17  मार्च 2013  नवलगढ़ और नीम का थाना में जनसभा
अभियान संपर्कः-मधुरेश-9818905316, शीला-9212587159

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