3 फ़रवरी, 2013 को सुबह के लगभग 4 बजे 12 प्लाटूनों से नुआगांव में पोस्को संयंत्र का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों पर हमला बोल दिया. इस कतिलाना हमले में कई महिला-बच्चें-बुजर्गों के घायल होने की खबर आई हैं. हमले के बाद घरों में सो रहे पोस्को प्रतिरोध संग्राम समिति के कम से कम 10-12 स्थानीय किसानों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबरन भूमि-अधिग्रहण के लिय अभी पुलिस नुआगांव-गोविन्दपुर बोडर को ध्वस्त कारने में लगी है.
सरकार की तमाम धमकियों और आंदोलन के दमन की सारी कोशिशों के बावजूद धिनाकिया और उसके आस-पास के गाँवों में लोगों के लड़ने का दम कमज़ोर नहीं पड़ा है. आंदोलनरत लोगों पर फर्जी मुकदमे डालना उड़ीसा सरकार की दमनकारी मशीनरी का एक पसंदीदा हथियार बन गया है. ऐसा लगता है कि इन मुकदमों में फंसा कर राज्य सरकार लोगों को थका देना चाहती है. इस निहायत गैर-लोकतांत्रिक पद्धति का पर्दाफ़ाश कर इसे पराजित किया जाय, इसी मकसद से हम आपसे यह अपील कर रहे हैं.
जैसा कि आप सबको मालूम है, 22 जून 2005 को भारत की सरकार और कोरिया की पोहांग स्टील कंपनी के बीच हुए समझौते के बाद उड़ीसा के जगतसिंहपुर में 12,000,000 टन प्रतिवर्ष उत्पादन की क्षमता वाले स्टील प्लांट का समझौता हुआ जिसका स्थानीय ग्रामीण शुरू से ही तीखा विरोध करते रहे हैं.
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