“राजद्रोह, आतंक-विरोधी क़ानून और लोकतंत्र"

“प्रो. इक़बाल अंसारी मेमोरियल लेक्चर" का दूसरा व्याख्यान
 “राजद्रोह, आतंक-विरोधी क़ानून और लोकतंत्र”
इंडियन लॉ इंस्टिट्यूट,नई दिल्ली 13
13 अक्टूबर 2012, दोपहर 3:30 से 
इसके मुख्य वक्ता वरिष्ठ वकील और पीपुल्स यूनियन ऑफ़ सिविल लिबर्टी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. वी सुरेश होंगे, जिन्होंने इस विषय पर एक सक्रिय क्रिमिनल लॉयर और मानवाधिकार कार्यकर्ता, दोनों के बतौर काफ़ी महत्वपूर्ण काम किया है। वरिष्ठ पत्रकार और साप्ताहिक तहलका के पूर्व संपादक अजित साही सभा की अध्यक्षता करेंगे।


इसके मुख्य वक्ता वरिष्ठ वकील और पीपुल्स यूनियन ऑफ़ सिविल लिबर्टी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. वी सुरेश होंगे, जिन्होंने इस विषय पर एक सक्रिय क्रिमिनल लॉयर और मानवाधिकार कार्यकर्ता, दोनों के बतौर काफ़ी महत्वपूर्ण काम किया है। वरिष्ठ पत्रकार और साप्ताहिक तहलका के पूर्व संपादक अजित साही सभा की अध्यक्षता करेंगे। इस मौक़े पर, वकील और लंदन विश्वविद्यालय से रिसर्च कर रहे मयूर सुरेश द्वारा आतंक-विरोधी क़ानूनों के दुरुपयोग पर एक प्रस्तुति भी की जाएगी।

मयूर सुरेश की प्रस्तुति, एक ख़ास समुदाय के संगठनों और नौजवानों को निशाना बनाने में आतंक के मामलों के इस्तेमाल के ख़ास संदर्भ में होगी। इस वार्षिक भाषण श्रृंखला की स्थापना दिवंगत मानवाधिकार कार्यकर्ता प्रो. इक़बाल अंसारी की स्मृति में पिछले साल की गई है, जिनका देहावसान 13 अक्टूबर 2009 को हुआ था। वे भारत के प्रमुख मानवाधिकार कार्यकर्ताओं में से एक थे। प्रो. इक़बाल अंसारी अंग्रेज़ी साहित्य के अध्यापक थे, जो बाद में मानवाधिकार कार्यकर्ता बन गए थे। उन्होंने वी. एम. तारकुंडे और राजेंद्र सच्चर जैसे मशहूर नागरिक आज़ादी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर भारत में नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए काफ़ी संघर्ष किया।

पिछले साल, यह भाषण भूतपूर्व आईएएस और चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर द्वारा दिया गया था।

अधिक जानकारी के लिये संपर्क करें activist.journalist@gmail.com/ 9811209345
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